बिलासपुर: शहर के राजकीय माध्यमिक पाठशाला डियारा सेक्टर में बुधवार को कहलूर सेवा विकास संस्थान के बैनर तले विश्व श्रवण दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में एम्स कोठीपुरा से एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. डार्विन कौशल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.
जागरूकता शिविर में उपस्थित बच्चों और स्कूल स्टाफ के सदस्यों को संबोधित करते हुए डॉ. डार्विन कौशल ने कहा कि मौजूदा हालातों में सुनने की क्षमता का जीवनशैली पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है. इस रोग से प्रभावित लोगों को अपंग नहीं कहा जा सकता. डब्ल्यूएचओ को उद्देश्य है हियरिंग फॉर ऑल. इसी के तहत विश्व श्रवण दिवस पर लोगों को सुनाई की सुरक्षा सभी को प्रदान करना मुख्य ध्येय है.
इन चीजों का रखें खास ख्याल
यदि परिवार में किसी भी सदस्य के कान में किसी भी प्रकार की आवाज का आना शुरू होता है, तो वह कान में कोई तरल पदार्थ न डालें. सबसे पहले अपने नजदीकी चिकित्सक के पास जाएं. वहीं, जब कोई बच्चा पैदा होता है तो 48 घंटे ओई जांच यानि सुनाई की जांच अवश्य करवानी चाहिए.
कॉल अटेंड करते समय दूर रखें फोन
डॉ. डार्विन ने कहा कि अभी कारोना काल में अधिकांश पढ़ाई मोबाइल पर हुई है, तो बच्चे ईयरफोन या हेडफोन का प्रयोग करते रहे हैं. इससे भी श्रवण शक्ति पर असर पड़ता है. मोबाइल फोन में घातक रेडिएशन होती है, इसलिए जब भी फोन सुनना या करना हो तो मोबाइल को अपने कानों से दूरी पर रखें ताकि इसकी घातक रेडिएशन से बचा जा सके.