हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

भाग्य ने रुलाया...जमाने ने दुतकारा, 3 सालों से टीन के खोखे में बेटियों के साथ रहने को मजबूर महिला

बिलासपुर जिले में एक विधवा महिला पिछले तीन सालों से अपनी बेटियों के साथ टीन के घर में रह रही है, लेकिन अभी तक प्रशासन और सरकार की तरफ से उसे कोई मदद नहीं मिली.

woman is living in shack with his daughter in jhandutta

By

Published : Oct 31, 2019, 5:10 PM IST

बिलासपुर: जिला के झंडूता विधानसभा क्षेत्र की वलगाड़ पंचायत के अमरोआ गांव में एक विध्वा महिला कांता देवी पिछले तीन सालों से अपनी बेटियों के साथ टीन से बने खोखे में रह रही है. तीन साल पहले कांता देवी के पति की मौत हो गई थी. पति की मौत के कुछ दिन बाद ही बरसात में महिला का मकान गिर गया था.

टीन के टुकड़ों को जोड़कर रहने के लिए छत्त बनाई. इसी छत के नीचे कांता देवी अपनी बेटियों के साथ रहती हैं. इस खोखे में सर्द रातें और गर्मियां काटना मुश्किल हो जाता है. ईटीवी भारत को कांता देवी ने बताया कि तीन साल पहले पति की मौत के बाद बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ गई. बरसात में मकान भी गिर गया.

वीडियो रिपोर्ट.

कई बार पंचायत प्रतिनिधियों और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई मदद नहीं मिली. हर बार उन्हें आश्वासन देकर लौटा दिया जाता है. उसे सरकार की किसी भी योजना का लाभ अब तक नहीं मिला. मजबूरी में बेटियों की शादी भी इसी घर से करनी पड़ी.

इस मकान को देखकर सरकार और जनता के तथाकथित नुमाइंदें जिन्हें आप विधायक भी कह सकते हैं और प्रशासन का सिर शर्म से झुक जाना चाहिए. जब एक मां तीन साल से अपनी बेटियों के साथ टीन से बने 4 फीट के खोखेनुमा कमरे में रहे तो बुनियादी सुविधाओं का कौन सा दावा सच होगा. इस देश में जब पीएम आवास जैसी योजनाएं चल रही हैं तो फिर कांता देवी जैसी महिलाएं टीन के खोखे में क्यों हैं ये सवाल पूछना लाजिमी है सरकार से भी और सिस्टम से भी.

सरकार ने गरीबों के लिए पीएम आवास योजना, जनधन, उज्जवला, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बना रही है, लेकिन कांता के दरवाजे तक भी योजना नहीं पहुंची उसके हाथ अभी भी खाली है. ये अकेली कांता की कहानी नहीं है कांता जेसे न जाने कितने परिवार हैं जिन्हें आज तक सरकार की योजनाओं से फूटी कौड़ी तक नहीं मिली.

ABOUT THE AUTHOR

...view details