बिलासपुरः भाखड़ा के स्लोआ पंचायत में लोगों प्रशासन के खिलाफ लोगों के सब्र के बांध टूट गया. ग्रामीणों को 3 से 4 किलोमीटर तक पैदल चलकर मरीजों को अस्पताल ले जाना पड़ रहा है.जिसके चलते ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया है कि दो दिन पहले ही एक बच्ची की मौत हो गई थी.
यहां चार किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया जाता है मरीज, सड़क होती तो बच जाती मासूम की जान!
ग्रामीणों ने बताया कि अगर सड़क होती तो बच्ची की जान बच सकती थी. दरअसल बच्ची को सांप ने काट लिया था और उपचार समय पर नहीं मिल पाया था. जिस कारण बच्ची की मौत हो गई थी.
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों पहले भी गर्भवती महिला को चारपाई पर ले जाकर अस्पताल ले जाया गया था. तब जाकर महिला का उपचार हो पाया. उन्होंने बताया कि भाखड़ा बांध बनने से उन्होंने अपनी जमीनें भी गंवा दी है फिर भी आज तक उन्हें सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई है.
आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों को टूटी सड़कों से दो चार होना पड़ रहा है. नेताओं ने सिर्फ आश्वसन दिए और चले गए. ग्रामीणों की माने तो गांव के लिए सड़क मंजूर हो गई है, लेकिन वो कबतक बनेगी ये भविष्य के गर्भ में है. विभाग से बात करने पर बताया जाता है कि डीपीआर बन चुकी है. जैसे ही सारे कागजात पूरे हो जाएंगे सड़क बना दी जाएगी. ग्रामीणों ने बताया कि अगर सड़क का काम जल्द शुरू नहीं हो पाया तो वो धरना या चक्का जाम करने पर मजबूर हो जाएंगे.