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घुमारवीं की तीन छात्राओं ने 10वीं की मेरिट में बनाया स्थान, परिवार में खुशी का माहौल - टीजीटी पद

बिलासपुर के घुमारवी शहर में स्थित स्कूल की तीन छात्राओं ने मेरिट में स्थान बनाकर स्कूल का दबदबा कायम रखा है. इस स्कूल से हर साल बच्चे मेरिट में अपना स्थान बनाएं रखते हैं और इस साल भी तीन छात्रओं ने टॉप टेन में अपना स्थान सुनिश्चित किया है, जिससे अपने मां-बाप व स्कूल का नाम रोशन हुआ है.

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स्कूल के तीन छात्राओं ने मेरिट में स्थान.

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Published : Jun 9, 2020, 10:48 PM IST

बिलासपुर:जिला बिलासपुर के घुमारवी शहर की तीन छात्राओं ने मेरिट में स्थान हासिल किया है. स्कूल प्राधानाचार्य ने तीनों छात्राओं के मेरिट में आने पर खुशी जाहिर की है. इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों और परिजनों को भी इसका श्रेय दिया है.

स्कूल प्रिंसीपल ने कहा कि हर साल की भांति इस साल भी तीन छात्राओं ने मेरिट में अपना स्थान बनाया है, जो स्कूल अध्यापकों के कुशाग्र बुद्धि, लग्न व नेतृत्व को दर्शाता है. इसके लिए सभी अध्यापक और अभिभावक बधाई के पात्र हैं.

चिकित्सक बनेगी मिनर्वा की श्रेया:
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से मंगलवार को घोषित किए गए परीक्षा परिणाम में 10वीं की वार्षिक परीक्षा में घुमारवीं की श्रेया शर्मा ने 98.29 प्रतिशत अंक लेकर प्रदेशभर में चौथा स्थान हासिल किया है. श्रेया बड़ी होकर चिकित्सक बनकर जनसेवा करना चाहती है. श्रेया 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती हैं. श्रेया के पापा टीजीटी अध्यापक हैं, जबकि माता भाषा अध्यापिका हैं. श्रेया ने अपनी उपलब्धि का श्रेय स्कूल के शिक्षकों व माता-पिता के अलावा बड़े भाई को दिया है. स्कूल के प्रिंसिपल प्रवेश चंदेल ने बेटी के उज्जवल भविष्य की कामना की है.

दसवीं टॉपर
शगुन ने झटका पांचवां स्थान:घुमारवीं की ही शगुन शर्मा ने 98.14 प्रतिशत अंक लेकर प्रदेशभर में पांचवा स्थान हासिल कर स्कूल और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है. शगुन ने बड़े होकर डॉक्टर बनने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए वह दिन में 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती हैं. पन्याला गांव की शगुन के पिता संजीव कुमार दयोथ इलाके में फार्मासिस्ट हैं और माता स्कूल में आईटी टीचर हैं.
दसवीं टॉपर

आशीष मेहता ने चमकाया नाम:
वहीं, आरषी मेहता ने 97.57 प्रतिशत अंक लेकर प्रदेश भर में नौवां स्थान प्राप्त किया. आरषी ने बड़ी होकर चिकित्सक बनने का सपना संजोया है. आरषी के पिता रितेश मेहता बिजनेसमैन हैं और माता अंशु मेहता शिक्षिका हैं. घुमारवीं के सारटी फटोह गांव की आरषी सपना पूरा करने के लिए 10-12 घंटे कड़ी मेहनत कर रही है. दो बहनों में बड़ी आरषी ने इस उपलब्धि का श्रेय शिक्षकों और अभिभावकों को दिया है.

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