हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

विजय दिवस: ऐसा वीर जिसने गोलियों की बौछार के बीच जवानों तक पहुंचाए थे हथियार

शहीद राजकुमार वशिष्ठ किसी पहचान के मोहताज नहीं है, करगिल युद्ध के दौरान इस देश की आन-बान और शान की रक्षा करते करते उन्होंने अपने प्राण देश के लिए न्यौछावर कर दिए. ब्रेवेस्ट ऑफ दि ब्रेव पुरस्कार से सम्मानित घुमारवीं के मसधान के जवान राजकुमार वशिष्ठ की कारगिल की पहाड़ियों में लिखी बहादुरी की इबारत आज 21 साल बाद भी लोगों की जुबां पर तरोताजा है.

By

Published : Jul 25, 2020, 10:49 PM IST

http://10.10.50.70:6060///finalout1/himachal-pradesh-nle/finalout/25-July-2020/8169544_pkg-shahid-rajkumar.mp4
फोटो

बिलासपुर: ब्रेवेस्ट ऑफ दी ब्रेव पुरस्कार से सम्मानित घुमारवीं के मसधान के जवान राजकुमार वशिष्ठ की करगिल की पहाड़ियों में लिखी बहादुरी की इबारत आज 21 साल बाद भी लोगों की जुबां पर तरोताजा है. करगिल में शहादत का जाम पीने वाले जवान राजकुमार को याद करके हर हिंदोस्तानी का सीना फक्र से चैड़ा हो जाता है.

सात नवंबर 1965 को जन्मे राजकुमार को बचपन से ही सेना में जाने का शौक था. उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई मोरसिंघी स्कूल में की. उसके बाद उन्होंने घुमारवीं स्कूल में दाखिला लिया. पढ़ाई पूरी करने के बाद राजकुमार 1985 में सेना के 22 ग्रेनेडियर्स में भर्ती हुए थे. करगिल की लड़ाई के दौरान उनकी पोस्टिंग बटालिक सेक्टर में की गई थी.

वीडियो रिपोर्ट.

11 जुलाई 1999 को सुबह शहीद हवलदार राजकुमार वशिष्ठ ने करगिल के बटालिक सेक्टर के घनासक क्षेत्र में दुश्मनों की भारी गोलाबारी और तोपखानों की बौछारों की बीच जान की परवाह न करते हुए अपने साथियों तक हथियार व गोले पहुंचाएं थे.

राजकुमार जानते थे कि साथियों तक अगर हथियार नहीं पहुंचाए गए तो जीत हासिल करना मुश्किल होगा. इस दौरान वह स्पलिंटर से बुरी तरह घायल स्पलिंटर होकर वीरगति को प्राप्त हो गए.

राजकुमार वशिष्ठ की बहादुरी की बदौलत हिंद सेना ने यहां पर परचम लहराया था. राजकुमार ने इस पोस्ट पर वीरता की नई इबारत लिखकर दुश्मनों को भी दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर दिया था.

करगिल लड़ाई में शहीद हुए राजकुमार की याद में परिजनों ने सरकार से मांग की है कि घुमारवीं में सड़क और सरकारी स्कूल का नाम उनके पति शहीद राजकुमार के नाम पर होना चाहिए, ताकि उनका बलिदान पूरी उम्र तक इस देश-दुनिया में ताजा रहे. करगिल की पहाड़ियों पर अदम्य साहस दिखाकर दुश्मन देश के घुसपैठियों को ढेर करने वाले राजकुमार बहादुरी से लड़े थे.

पंचायत मोरसिंघी के गांव मसधान के करगिल युद्ध के हीरो शहीद राजकुमार वशिष्ठ को उनके शहीदी दिवस 11 जुलाई पर आज भी याद किया जाता है.

ये भी पढ़ें:अंतिम चरण में अटल टनल का काम, ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम से मिलेगी ऑक्सीजन

ABOUT THE AUTHOR

...view details