बिलासपुर: कोरोना महामारी के बीच बिलासपुर में एम्स के निर्माण कार्य एक फिर से पटरी पर लौटने लगा है. जिला के कोठीपुरा में प्रस्तावित (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) एम्स व आसपास क्षेत्र के नगर एवं ग्राम योजना टीसीपी एक्ट के दायरे में आने के बाद अब इसके सुनियोजित विशेष विकास योजना तैयार की जाएगी.
विभाग कोरोनाकाल की वजह से लटकी पड़ी सर्वेक्षण के तहत तैयार की गई विद्यमान भू-उपयोग रिकॉर्ड की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. यह सर्वे रिपोर्ट नई दिल्ली की मल्टीमाइंड क्रियेशन प्राईवेट लिमिटेड की ओर से तैयार की गई है. जैसे ही रिपोर्ट आएगी उसके बाद एक्ट के दायरे में आए 16 गांव के लिए एक स्पेशल डेवलपमेंट प्लान बनाया जाएगा.
टीसीपी एक्ट के दायरे में लिए गए राजस्व गांवों के विद्यमान भू-उपयोग रिकार्ड तैयार करने के लिए निदेशालय स्तर पर दिल्ली की कंपनी को जिम्मा सौंपा गया था. छह जून 2016 को एम्स एरिया के तहत चयनित सोलह गांवों को टीसीपी एक्ट में लाने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी.
इसके बाद निदेशालय स्तर पर एरिया का पूरा भू-उपयोग रिकार्ड तैयार करने के लिए फर्म के साथ करार किया गया. इस फर्म ने सर्वेक्षण किया और एक रिपोर्ट तैयार की.
इस वर्ष फरवरी माह में लोगों के साथ बैठकों का आयोजन कर दावे और आपत्तियां मांगी गई थी, यह प्रक्रिया भी पूरी हो गई. इसके बाद सर्वे करनी वाली फर्म की ओर से विभाग को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जानी है, जिसके लिए विभाग इंतजार कर रहा है, लेकिन मार्च से कोरोना संकट शुरू होने के चलते यह प्रक्रिया लटक गई और अभी तक रिपोर्ट विभाग के पास नहीं पहुंच सकी है.
विभागीय अधिकारियों की मानें तो हालांकि फर्म ने रिपोर्ट तैयार कर ली है और जल्द ही उस ओर से यह रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर एक्ट में लिए गए एरिया का एक विशेष विकास खाका तैयार किया जाएगा. टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग बिलासपुर के सहायक नगर योजनाकार घनश्याम शर्मा ने खबर की पुष्टि की है. टीसीपी एक्ट लगने के बाद भवन निर्माण कार्यों के अलावा बिजली व पानी संबंधित कनेक्शन लेने और अन्य कार्यों के लिए विभाग से अनुमति लेनी होगी.