बिलासपुर: गोबिंदसागर झील में हर साल साईबेरियन बगुले पहुंचते हैं. वन विभाग व पशुपालन विभाग की जांच के बाद इसका खुलासा हुआ है. गोबिंदसागर के किनारे ये पक्षी हर साल पहुंचते हैं. बर्ड फ्लू के खतरे के बीच पशुपालन विभाग ने दो दिन तक सर्वे किया, जिसके बाद वन विभाग से बातचीत करने के बाद इसका खुलासा हुआ है.
वहीं, खतरे की बात यह है कि पौंग डैम में जिन पक्षियों में बर्ड फलू की पुष्टि हुई है. वहीं, पक्षी गोबिंदसागर झील के किनारे भी पाए गए हैं. अब जिला प्रशासन को खतरा लगा रहा है, लेकिन इसकी आधारिक पुष्टि जालंधर लैब से आने वाली रिपोर्ट के बाद ही होगी. गौरतलब है कि अगर ये महामारी बीमारी बिलासपुर में भी फैल जाती है तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है. साथ ही संदिग्धता के आधार पर बिलासपुर में चिकन के सैंपल भी लिए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि अगर यहां पर बर्ड फ्लू की पुष्टि होती है तो पाॅजिटिव एरिया के क्षेत्र से पांच किलोमीटर तक के एरिया में चिकन, मटन समेत मछली पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा साथ ही बाॅर्डर एरिया से आने वाले चिकन को भी बिलासपुर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.