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सर्दियों में कोलडैम में ट्राउट मछली पर किया गया शोध सफल, 50 ग्राम वजन वाली ट्राउट फिश तैयार

मंडी जिला के बरोट के बाद अब बिलासपुर के कोलडैम जलाशय में भी ट्राउट मछली का उत्पादन संभव होगा. विभाग की मानें तो पहले प्रदेश के कुल्लू, मंडी और चंबा में ही ट्राउट का उत्पादन होता है, लेकिन देश के महानगरों में बढ़ रही हिमाचली ट्राउट फिश की मांग को पूरा करने के लिए विभाग इसके उत्पादन का बढ़ाने में जुटा है.

Research succeed on trout fish in Koldam
सर्दियों में कोलडैम में ट्राउट मछली पर किया गया शोध सफल

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Published : Mar 8, 2021, 7:29 PM IST

बिलासपुरःमंडी जिला के बरोट के बाद अब बिलासपुर के कोलडैम जलाशय में भी ट्राउट मछली का उत्पादन संभव होगा. चार माह पहले मत्स्य विभाग द्वारा कोलडैम में किया गया शोध सफल पाया गया है. ऐसे में मत्स्य विभाग ने अब बिलासपुर के कोलबांध में भी ट्राउट फिश का उत्पादन करने का निर्णय ले लिया है, क्योंकि चार माह के भीतर ही 350 ग्राम वजन की ट्राउट फिश तैयार हुई है. इससे विभाग को अब यह साफ हो गया है कि कोलडैम में भी ट्राउट फिश का उत्पादन संभव है.

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चार चरणों में डाला था ट्राउट फिश का बीज

मत्स्य विभाग ने ट्रायल के लिए बिलासपुर के हरनोड़ा स्थित कोलबांध झील में चार चरणों में ट्राउट फिश का बीज डाला था. विभाग ने सितंबर के अंत से यह प्रक्रिया शुरू की थी. फरवरी में इसका सफल परिणाम सामने आया है. सितंबर में विभाग ने कोलबांध में ट्राउट का करीब 23 हजार बीज डाला था. इसके बाद भी बीज डाला गया, यह मिलाकर 30 हजार हुआ.

महानगरों में हिमाचली ट्राउट फिश की मांग ज्यादा

विभाग की मानें तो पहले प्रदेश के कुल्लू, मंडी और चंबा में ही ट्राउट का उत्पादन होता है, लेकिन देश के महानगरों में बढ़ रही हिमाचली ट्राउट फिश की मांग को पूरा करने के लिए विभाग इसके उत्पादन का बढ़ाने में जुटा है. प्रदेश में अन्य जगह ट्राउट तैयार होने में करीब 14 से 15 माह लगते हैं. कोलडैम में यह केवल चार माह में तैयार हो गई है. विभाग अब गर्मियों में भी झील में ट्राउट का ट्रायल करेगा.

मत्स्य विभाग के निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि कोलडैम में किए गए शोध का परिणाम सही आया है. यहां 350 ग्राम वजन के ट्राउट फिश तैयार हुआ है. यहां ट्राउट फिश की संभावनाएं हैं और अब यहां उत्पादन शुरू किया जाएगा.

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