नैना देवी/बिलासपुर:अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व मंत्री व विधायक नैना देवी विधानसभा क्षेत्र रामलाल ठाकुर ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय सेना के जांबाजों की शहादत पर केंद्र सरकार से पूछा है कि वह चीन पर कार्रवाई करने से क्यों घबरा रही है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पॉइंट-14 को लेकर चीनी सेनाओं को कभी आगे कभी पीछे बता कर गलत स्थिती दर्शा रही है. उन्होंने कहा कि आधिकारिक रूप से सरकार गलवाल घाटी और उन 15 पॉइंट के बारे में सही स्थिति क्यों नहीं बता रही है, जहां पर टेंशन बनी हुई है. रामलाल ठाकुर ने केंद्र सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि 56 इंच का सीना अब क्या राजीव गांधी फाउंडेशन की डोनेशन की जांच तक सिमट कर रह गया है.
ऐशो आराम के लिए विदेशी यात्रा करते आए पीएम
रामलाल ठाकुर ने कहा कि यह घटना देश की विदेश नीति और भारतवर्ष की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की बहुत बड़ी भूल है. रामलाल ठाकुर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री अपने ऐशो आराम के लिए विदेशी यात्राएं करते रहे और देश के लोगों को देश की विदेश नीति और कूटनीति को सुदृढ़ करने को लेकर भटकाते रहे.
पीएम और शी जिनपिंग की बातचीत सार्वजनिक की जाए
रामलाल ठाकुर ने यह भी प्रश्न उठाया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच चीनी शहर वुहान में 27 और 28 अप्रैल 2018 को एक 'अनौपचारिक बैठक' हुई थी, उस बातचीत को सार्वजनिक किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर 2019 को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आए थे और तामिलनाडु के महाबलिपुरम में जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनौपचारिक बैठक हुई थी. इस बातचित को पीएमओ और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत-चीन की सीमाओं की सुरक्षा हेतू बहुत सफल बातचित करार दिया था.
अंतर-मंत्रालयी समिति की क्यों पड़ी अवश्यक्ता
रामलाल ठाकुर ने साफ शब्दों में सरकार से पूछा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को अब एक अंतर-मंत्रालयी समिति बनाने की अवश्यक्ता क्यों पड़ी, जो कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच करेगी. रामलाल ठाकुर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री गांधी परिवार से जुड़े ट्रस्टों की जांच अब क्यों करना चाहते है.
बदले की भावने से कर रहे राजनीति पीएम और गृह मंत्री
रामलाल ठाकुर ने कहा कि जब देश की केंद्र सरकार अपने गलत फैसलों में असफल हुई है तब तब केंद्रीय जांच एजेंसियों के मुंह नेहरू गांधी परिवार की तरफ मोड़ दिए जाते रहे हैं. क्या देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री केवल बदले की भावना से राजनीति कर रहे है या फिर देश की जनता के सामने अपने 20 जवानों की शहादत का बदला न लिए जाने से शर्मिंदा होकर लोंगो का ध्यान नेहरू गांधी परिवार से जुड़े ट्रस्टों की तरफ भटकाना चाहते हैं.
नाकामी छुपाने के लिए ट्रस्टों की जांच कर रही सरकार