बिलासपुर:प्रदेशसरकार ने हिमुडा के निदेशक मंडल में सदस्य के पद (HIMUDA Board of Directors) से नवाजे जाने के बाद राकेश चोपड़ा ने सदस्य पद लेने के साफ इंकार कर दिया है. उनके इस फैसले से घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में सियासी भूचाल शुरू हो गया है. नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष राकेश चोपड़ा ने सरकार की तरफ से दिए गए हिमुडा निदेशक पद को अपनाने से मना कर दिया है. चोपड़ा के इस फैसले के बाद विधानसभा क्षेत्र में चर्चाओं का माहौल भी गर्म हो गया है.
राकेश चोपड़ा ने हिमुडा के निदेशक मंडल में सदस्य का पद लेने से किया इनकार, जाने क्यों सरकार का जताया आभार - हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हिमुडा के निदेशक मंडल में सदस्य के पद (HIMUDA Board of Directors) से नवाजे गए राकेश चोपड़ा ने सदस्य पद लेने से मना कर दिया है. उनके इस फैसले से घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में सियासी भूचाल शुरू हो गया है. वहीं, इस फैसले से साफ जाहिर हो चुका है कि आने वाले चुनावों में वह विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं. बता दें कि राकेश चोपड़ा नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
राकेश चोपड़ा (Rakesh Chopra of Bilaspur) ने सोमवार को बिलासपुर में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि समाज सेवा करना उनका दायित्व है और आने वालो दिनों में भी वह समाज सेवा जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से वह समाज की सेवा कर रहे हैं. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का धन्यावाद करते हुए चोपड़ा ने पद को ग्रहण करने से मना कर दिया है. चोपड़ा के एकाएक इस फैसले से साफ जाहिर हो चुका है कि आने वाले चुनावों में वह विधानसभा का चुनाव लड़ने (Himachal assembly election 2022) की तैयारी कर चुके हैं.
चोपड़ा ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सहयोग से उन्होंने कई विकासात्मक कार्यों को पूरा करवाया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे आवारा पशुओं से करीब 20 पंचायतों को मुक्त कराया गया है. वहीं, गरीब लड़कियों की शादी में जो उनसे बन सका, वह योगदान उन्होंने किया. कोरोना के दौरान जहां तक हो सका लोगों की मदद भी की गई. वहीं, नगर परिषद में उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने कई समस्याओं का समाधान भी किया.
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