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बिलासपुर में निजी बस ऑपरेटर ने जिला प्रशासन पर जड़े आरोप, कोर्ट जाने की दी चेतावनी - बिलासपुर में निजी बस ऑपरेटर यूनियन की पत्रकारवार्ता

बिलासपुर निजी बस ऑपरेटर यूनियन के पूर्व में प्रधान अनिल कुमार ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया. पत्रकारवार्ता के दौरान वरिष्ठ बस ऑपरेटर अमरजीत सेन ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को उनके घरों में भेजने के लिए छह हजार तक की राशि प्रति सवारी से ली गई, जबकि बस ऑपरेटर को 4 हजार रुपये प्रति सवारी दी गई.

Bilaspur private bus operator accuses district administration
बिलासपुर निजी बस ऑपरेटर ने जिला प्रशासन पर जड़े आरोप

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Published : Feb 18, 2021, 5:57 PM IST

बिलासपुरःनिजी बस ऑपरेटर यूनियन के पूर्व में प्रधान अनिल कुमार मिंटू और अन्य वरिष्ठ ऑपरेटर ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया. मौजूदा कार्यकारिणी पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि कार्यकारिणी सरकार और प्रशासन से निजी बस ऑपरेटर के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह से नाकाम रही है. कोरोना काल में बाहरी राज्यों से आए मजदूरों को घर भेजने के लिए जिला प्रशासन और कुछ लोगों की मिलीभगत से बाहरी जिलों की गाड़ियों को लगाया है. जब इसका विरोध किया गया, तो कोई सुनवाई नहीं हुई.

कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की कही बात

इस मामले में हुई धांधली को लेकर शीघ्र ही कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में इस कार्यकारिणी की अग्निपरीक्षा की घड़ी थी, लेकिन इसमें भी कार्यकारिणी असफल साबित हुई. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लगे कर्फ्यू में बस खड़ी रहीं. लंबे समय तक बस खड़े रहने पर इसकी बैटरी तक खराब हो गई. बस के कागजों को दुरुस्त रखने और बीमा के लिए सरकार ने प्राइवेट बस ऑपरेटर को राहत देने की बजाय दबाव बनाया.

वीडियो.

टैक्स पर लगाई गई पेनल्टी

यही नहीं, जब टैक्स देने के लिए पोर्टल खुले, तो उस पर पेनल्टी लगाई गई. सरकार के पास जब न्याय की गुहार लगाई गई, तो केवल मौखिक आश्वासन ही दिए गए. इससे निजी बस ऑपरेटर में रोष है. उन्होंने सरकार से टैक्स, बीमा, डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत प्रदान करनी की मांग की है.

कमीशनखोरी के धंधे की हो विजीलेंस जांच

पत्रकारवार्ता के दौरान वरिष्ठ बस ऑपरेटर अमरजीत सेन ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को उनके घरों में भेजने के लिए छह हजार तक की राशि प्रति सवारी से ली गई, जबकि बस ऑपरेटर को 4 हजार रुपये प्रति सवारी दी गई.

अमरजीत सेन ने आरोप लगाया कि इस दौरान कमीशनखोरी धंधे में संलिप्त लोगों की विजीलेंस जांच होनी चहिए. अमरजीत सेन ने कहा कि यह ऐसा समय था, जब निजी बस ऑपरेटर के परिवारों को खाने की समस्या भी पैदा हो गई थी, लेकिन कुछ लोग कमीशनखोरी में अपना धंधा चमका रहे थे.

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