बिलासपुर: साई हॉस्टल बिलासपुर के पास अपना खेल का मैदान, इंडोर व सिंथेटिक ट्रैक न होने के बावजूद भी यहां के खिलाड़ी देश दुनिया में नाम चमका रहे हैं. आए साल इस हॉस्टल से कोई न कोई खिलाड़ी देश-विदेश में खेलने के लिए जाता है. वहीं, भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान अजय ठाकुर ने भी इसी हॉस्टल से ट्रेनिंग ली है.
ऊना जिला के विशाल भारद्वाज ने भी अपनी जगह बनाई है, लेकिन भारतीय खेल प्राधिकरण के खेल छात्रावास प्रभारी व कब्बडी कोच जयपाल चंदेल का अहम योगदान रहा है. जयपाल चंदेल का कहना है कि वर्ष 2013 में विशाल ने बिलासपुर के साई खेल छात्रावास में जब दाखिला लिया था, उस समय ही उसमें खेल भावना कूट कूटकर भरी हुई थी. उसे देखकर उस समय भी यही लगता था कि यह एक दिन बुलंदियों के शिखर तक पहुंचेगा. मैदान पर भी वह अन्य खिलाड़ियों की तुलना में कुछ हटकर करने की चाहत रखता था. इसी चाहत ने आज विशाल को टीम इंडिया में जगह पक्की करने में कामयाबी दिलाई है, जो सही मायने में उसका हकदार भी था.
गौर हो कि वर्ष 1987 में खुले साई के इस प्रशिक्षण केंद्र ने कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं. हालांकि खेल छात्रावास का इसकी क्षमता के अनुसार विस्तार नहीं हो पाया, लेकिन अब साई ने छात्रावास को विस्तार देने का पूरा खाका तैयार कर लिया है. इसी के साथ जयपाल चंदेल ने बताया कि खेल और खिलाड़ियों के भविष्य को तराश रहे भारतीय खेल प्राधिकरण के बिलासपुर छात्रावास का दायरा बढ़ेगा. अब लुहनु स्थित राज्य खेल छात्रावास के पास नए व बड़े भवन का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए भूमि का चयन भी कर लिया गया है.
आधारभूत ढांचे की कमी पर शिफ्ट हुआ था एथेलेटिक्स