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बिलासपुर: महर्षि मार्कंडेय मंदिर में पंचकर्म प्राकृतिक चिकित्सा आयुर्वेद पद्धति होगी शुरू - महर्षि मार्कंडेय मंदिर में हर्बल गार्डन

बिलासपुर के सुप्रसिद्ध महर्षि मार्कंडेय मंदिर में अब श्रद्धालुओं को पंचकर्मए प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद पद्दति के माध्यम से विभिन्न गंभीर रोगों के इलाज की सुविधा भी उपलब्ध होगी. मंदिर आयुक्त एवं जिलाधीश राजेश्वर गोयल ने मंदिर न्यास की मीटिंग में सभी न्यासियों व अधिकारियों के समक्ष यह अहम सुझाव रखा है जिस पर प्रशासनिक स्तर पर भी अमल हो रहा है. इसके साथ ही वहां पर सुंदरता बढ़ाने के दृष्टिगत हर्बल गार्डन विकसित करने पर भी बल दिया गया है.

Panchakarma Naturopathy Ayurveda system to be started in Maharishi Markandeya temple in bilaspur
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Published : Sep 24, 2020, 4:46 PM IST

Updated : Sep 26, 2020, 10:27 PM IST

बिलासपुर: लाखों लोगों की आस्था के प्रतीक बिलासपुर जिला के सुप्रसिद्ध महर्षि मार्कंडेय मंदिर में अब श्रद्धालुओं को पंचकर्मए प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद पद्दति के माध्यम से विभिन्न गंभीर रोगों के इलाज की सुविधा भी उपलब्ध होगी.

इस बाबत मंदिर आयुक्त एवं जिलाधीश राजेश्वर गोयल ने मंदिर न्यास की मीटिंग में सभी न्यासियों व अधिकारियों के समक्ष यह अहम सुझाव रखा है जिस पर प्रशासनिक स्तर पर भी अमल हो रहा है. इसके साथ ही वहां पर सुंदरता बढ़ाने के दृष्टिगत हर्बल गार्डन विकसित करने पर भी बल दिया गया है.

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शिमला पठानकोट हाईवे से मार्कंडेय मंदिर के लिए जाने वाली सड़क के मुख्य द्वार पर श्रद्धालुओं के मार्गदर्शन के लिए एक बड़ा साईनबोर्ड लगाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक पौराणिक मार्कंडेय मंदिर लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक का है और यहां पर महर्षि मार्कंडेय ने तपस्या की थी जिसके बाद यह प्रसिद्ध हुआ.

कहा जाता है कि यहां पर स्नान करने के बाद ही तीर्थ यात्रा पूरी मानी जाती है. ऐसे में मार्कंडेय का अपना एक अलग महत्व है. बैशाखी पर्व पर यहां पर एक बड़ा मेला लगता है जिसमें दूर दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और स्नान हवन यज्ञ व पूजा अर्चना करते हैं.

राज्य सरकार ने पर्यटन विभाग के माध्यम से 11 करोड़ रूपए का बजट खर्च कर मार्कंडेय मंदिर को आकर्षण का मुख्य केंद्र बना दिया है. श्रद्धालुओं के ठहरने व वाहन पार्किंग के साथ ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं.

ऐसे में इस स्थल को और अधिक आकर्षक बनाने की दृष्टि से जिला प्रशासन ने नई नई योजनाओं पर भी काम शुरू किया है. सबसे पहले ट्रस्ट का गठन किया जिससे व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाने में आसानी होगी. पिछले दिनों मंदिर न्यास के अध्यक्ष एवं एसडीएम सदर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मंदिर न्यास के आयुक्त एवं जिलाधीश राजेश्वर गोयल ने कई अहम सुझाव दिए हैं.

हर्बल गार्डन विकसित करने के साथ ही मार्कंडेय परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पंचकर्मए प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद पद्धति शुरू करने के लिए सुझाव दिया है. यदि यह योजना सिरे चढ़ती है तो यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को पंचकर्म पद्धति से उपचार की सुविधा मिलेगी.

इसके साथ ही मार्कंडेय मंदिर न्यास के माध्यम से जल्द ही अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्तियों को लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए गतिविधियों को आगे बढ़ाया जा सके. जिलाधीश ने हाईवे से कनेक्ट लिंक रोड के प्रवेशद्वार पर एक बड़ा फ्लेक्स लगाने के लिए सुझाव दिया है जिससे श्रद्धालुओं को रास्ते का आसानी से पता चल सकेगा.

मंदिर न्यास के आयुक्त एवं जिलाधीश राजेश्वर गोयल के अनुसार मार्कंडेय परिसर में करोड़ों की लागत से बनाया गया आधारभूत ढांचा उद्धाटन के लिए तैयार है. जिला प्रशासन की ओर से सरकार से आग्रह किया गया है. उस ओर से समय निश्चित होने के बाद इसके उद्घाटन की तिथि का निर्धारण होगा.

Last Updated : Sep 26, 2020, 10:27 PM IST

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