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मां नैना का दर अब सीधे बाबा बालकनाथ की नगरी से होगा कनेक्ट, साउथ की तर्ज पर चलेगी केबल फैरी - Gobind Sagar Lake in Bilaspur

हिमाचल प्रदेश के दो प्रसिद्ध मंदिरों को अब केबल फैरी की मदद से कनेक्ट किया जाएगा. साउथ की तर्ज पर भाखड़ा डैम के पास गोविंद सागर झील में केबल फैरी चलाई जाएगी. 1 साल के अंदर श्रद्धालुओं को ये सुविधा मिलेगी की वह श्री नैना देवी के दर्शनों के उपरांत बाबा बालकनाथ जी के दर्शन भी आसानी से केबल फैरी के जरीए कर पाएंगे.

Cable Ferry will run in Gobind Sagar Lake near in Bilaspur.
साउथ की तर्ज पर गोविंद सागर झील में चलेगी केबल फैरी.

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Published : May 14, 2023, 7:54 AM IST

बिलासपुर: अब हिमाचल ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत में पहली केबल फैरी, भाखड़ा डैम के पास गोविंद सागर झील में चलेगी. माता नैना देवी मंदिर से बाबा बालकनाथ की तपोस्थली शाहतलाई को आपस में कनेक्ट करते हुए यह केबल फैरी चलाई जाएगी. इस महत्वाकांक्षी योजना को मंदिर न्यास की ओर से स्वीकृति दी गई है. अगले एक साल के अंदर स्टीमर शिप टाइप की केबल फैरी शुरू करके श्रद्धालुओं को अपनी गाड़ी व बाईक के साथ मां नैना देवी के दर्शनों के बाद बाबा बालकनाथ जी के दर्शनों की बेहतरीन सुविधा मुहैया करवाई जाएगी. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने जिम्मा रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोशेन (आरटीडीसी) को दिया जाएगा. पर्यटन के लिहाज से भी यह योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होने वाली है.

'1 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट': बिलासपुर के उपायुक्त एवं मंदिर न्यास श्री नैना देवी के आयुक्त आबिद हुसैन सादिक ने पहल की है. मंदिर न्यास की बैठक में इस महत्वपूर्ण योजना को पास किया गया है. आरटीडीसी इस योजना का सर्वे करके डीपीआर तैयार करेगा. उसके बाद योजना के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा और 1 साल के अंदर इस योजना को पूरा करके धरातल पर उतारने का लक्ष्य है.

'साउथ की तर्ज पर केबल फैरी की शुरुआत': प्राप्त जानकारी के अनुसार केरल में चलती केबल फैरी की तर्ज पर भाखड़ा के पास गोविंद सागर झील में केबल फैरी शुरू करने की योजना बनाई गई है. इस केबल फैरी में तय क्षमता के अनुसार यात्री सफर कर सकते हैं. इसके अलावा यात्री अपनी गाड़ी व मोटरबाइक को भी आसानी से आर पार ले जा सकेंगे. इससे माता नैना देवी व शाहतलाई आपस में जुड़ जाएंगे और मां नैना के दर शीश नवाने के बाद श्रद्धालु आसानी से बाबा बालकनाथ जी के दर्शन भी कर पाएंगे.

'RTDC को सौंपा जाएगा प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने का जिम्मा':उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि योजना का सर्वे कर डीपीआर तैयार करने के लिए आरटीडीसी के मुख्य महाप्रबंधक से बात की गई है. योजना की डीपीआर तैयार होने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. आरटीडीसी के जरिए से केबल फैरी शुरू करने के लिए टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि अगले एक साल के अंदर यह केबल फैरी शुरू करवाकर श्रद्धालुओं को नैना देवी व इसके बाद शाहतलाई में बाबा बालकनाथ के दर्शनों की आसान एवं सस्ती सुविधा उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है. उपायुक्त के अनुसार इसकी मदद से कनेक्टिविटी बढ़ाने में मदद मिलेगी तो वहीं सुरक्षित, सस्ती और हाई क्वालिटी वाली सर्विस देने की ओर यह प्रशासन का पहला अहम कदम है.

'केबल फैरी से बढ़ेगी कनेक्टिविटी': बता दें कि केबल फैरी चलने से श्रद्धालु मां नैना देवी के दर्शन करने के बाद आसानी से और कम खर्चे में शाहतलाई पहुंच सकेंगे. इसके लिए भाखड़ा के पास गोविंद सागर झील में केबल फैरी शुरू करने की योजना है, जिसे मंदिर न्यास की बैठक में स्वीकृति दी गई है. जहां एक ओर यह श्रद्धालुओं के लिए फायदेमंद होगा. वहीं, दूसरी ओर पर्यटन की दृष्टि से भी यह काफी लाभदायक सिद्ध होगा.

'डेढ़ से दो किलोमीटर का रहेगा फासला': माता नैना देवी से शाहतलाई के लिए गोविंद सागर झील को पार करना पड़ता है. जो कि लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर लंबा फासला है और केबल फैरी के लिए इतनी लंबी केबल लगाई जाएगी जिसके जरिए शिप आर पार आ जा सकेगी. अभी श्रद्धालुओं को शाहतलाई जाना हो तो सड़क मार्ग से ऊना जिला के थानाकलां होकर काफी घूम फिर कर आना पड़ता है. इसलिए मंदिर न्यास प्रशासन ने नैना देवी-शाहतलाई को आपस में कनेक्ट करने के लिए झील में केबल फैरी शुरू करने की बड़ी योजना पर काम शुरू किया गया है. इससे दोनों धार्मिक स्थलों की यात्रा सुलभ व आसान होगी और केबल फैरी के जरिए वाहनों को भी आर पार किया जा सकेगा.

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