नगर परिषद बिलासपुर का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट में आ रही मुश्किलें बिलासपुर: बिलासपुर जिला में नगर परिषद बिलासपुर के पास उपयुक्त जमीन न होने के कारण जिले का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया है. हालांकि नगर परिषद प्रशासन की ओर से 56 लाख रुपये लागत की ऑर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर मशीन यहां सब्जी मंडी के समीप बनाए गए शेड में इंस्टॉल की गई है, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. जिस वजह से पिछले 6 महीनों से यह मशीन जंग खा रही है. फिलहाल के लिए नगर परिषद, घुमारवीं के पिंगरी फार्म में गीला कूड़ा और बाग्गा स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री में सूखा कूड़ा भेज रही है. अब नगर परिषद ने यह निर्णय लिया है कि वह निजी भूमि को लीज पर लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजैक्ट स्थापित कर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था को सुचारू रूप से शुरू करेंगे.
'बिलासपुर का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट खटाई में': नगर परिषद बिलासपुर द्वारा घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रिकरण मुहिम शुरू की गई है. जिससे शहर नीट एंड क्लीन हुआ है. हर दिन गाड़ी घर-घर जाकर शहर से गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग इकट्ठा करती है. मगर नगर परिषद बिलासपुर के सामने अब सूखे कूड़े के निस्तारण की परेशानी खड़ी है. जहां पहले खैरियां में कूड़े का निष्पादन किया जाता था, वहां पर जनता के भारी विरोध के चलते नगर परिषद को उसे बंद करना पड़ा. उसके बाद सब्जी मंडी के समीप 56 लाख लागत की ऑर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर मशीन इंस्टॉल कर गीले कूड़े के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन वहां पर भी स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से यह प्रोसैस बंद करना पड़ा.
'गीला कूड़ा घुमारवीं के पिंगरी फार्म और बाग्गा सीमेंट फैक्टरी भेजा जा रहा सूखा कूड़ा': इस लिहाज से नगर परिषद के समक्ष कूड़े के निस्तारण का संकट पिछले 6 माह से बना हुआ है. लाखों की लागत की मशीन जंग खा रही है. जबकि इस मशीन के जरिए गीले कूड़े से खाद तैयार करने की योजना भी नगर परिषद ने बना रखी है. मगर कूड़ा निस्तारण बंद होने से कूड़ा इकट्ठा होने की समस्या पैदा हो गई है. जानकारी के मुताबिक अभी सूखा कूड़ा तो बाग्गा स्थित अल्ट्राटेक फैक्ट्री भेजा जा रहा है लेकिन गीले कूड़े को घुमारवीं के पिंगरी फार्म भेजना पड़ रहा है. कूड़े के निस्तारण के स्थायी समाधान के लिए नगर परिषद लगातार प्रयासरत है. मगर उपयुक्त जमीन उपलब्ध न होने की वजह से समस्या जस की तस बनी है. बताया जा रहा है कि अभी भी लगभग तीस गाड़ियों का मटेरियल निर्माणाधीन पार्किंग के नीचे पड़ा हुआ है, जबकि इतनी ही गाड़यां कूड़े से भरकर बाग्गा फैक्ट्री भेजी जा चुकी हैं.
नगर परिषद ने लोगों से की निजी भूमि उपलब्ध करवाने की अपील: नगर परिषद की कार्यकारी अधिकारी उर्वशी वालिया के अनुसार सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए निजी जमीन की तलाश की जा रही है. कंदरौर में निजी भूमि मिली लेकिन पंचायत ने एनओसी देने से मना कर दिया है. जबकि मंडी भराड़ी में मिली जमीन तक जाने के लिए सड़क सुविधा ही नहीं है. ऐसे में रोड कनेक्टिंग उपयुक्त जमीन की जरूरत है जहां प्रोजेक्ट लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि यदि निजी जमीन मिलती है तो जल्द ही सभी औपचारिकताओं को पूरा करके काम शुरू कर दिया जाएगा.
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