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हिमाचल में सीमेंट विवाद को 5 दिन में हल करे सरकार, वरना होगा चक्का जाम: त्रिलोक जम्वाल

हिमाचल में सीमेंट विवाद थम नहीं रहा है. पिछले कई दिनों से ये विवाद चल रहा है. जिसे अभी तक नहीं सुलझाया जा सका है. वहीं, अब भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने 5 दिनों के अंदर ये मामला हल नहीं किया तो बरमाणा से बिलासपुर तक चक्का जाम किया जाएगा. (Trilok Jamwal on cement issue) (cement plant in Himachal Pradesh) (Cement dispute in Himachal) (Cement Controversy in Himachal)

Trilok Jamwal on cement issue
भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल की मौजूदगी में धरना प्रदर्शन

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Published : Jan 24, 2023, 7:25 PM IST

बिलासपुर:बरमाणा में एसीसी सीमेंट कारखाना प्रबंधन एवं ट्रक ऑपरेटरों के बीच माल भाड़े को लेकर चला गतिरोध शनिवार को 40 दिन में प्रवेश कर गया है. लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों एवं प्रयासों के बावजूद यह मसला हल नहीं हो सका है. इसी के चलते चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर मंगलवार को बिलासपुर सदर भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल की मौजूदगी में विशाल धरना प्रदर्शन हुआ. सदर भाजपा ने बरमाणा में ट्रक ऑपरेटरों व अडानी समूह के बीच किराए को लेकर चल रहे विवाद को हल करवाने के लिए एक घंटा चक्का जाम कर चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर धरना दिया.

हिमाचल में सीमेंट विवाद को 5 दिन में हल करने की सरकार को चेतावनी

धरने में सदर विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि प्रभावितों और विस्थापितों ने अपनी सैकड़ों बीघा जमीन एसीसी फैक्ट्री को लगाने के लिए दी है. इसी जमीन से निकलने वाले कच्चे माल से सीमेंट का निर्माण हो रहा है. लेकिन प्रदेश सरकार इस विवाद को हल करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. यदि प्रदेश सरकार चाहती तो हिमकॉन द्वारा तय किए गए किराए की दरों की अधिसूचना जारी करती. सरकार अपना पल्लू झाड़ रही है जिसका खामियाजा ट्रक ऑपरेटरों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने प्रदेश सरकार को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि यदि किराया विवाद पांच दिन में हल न किया तो भाजपा ऑपरेटरों के साथ मिलकर बरमाणा से बिलासपुर तक चक्का जाम करेगी. जिसकी सारी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी.

सदर विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि प्रदेश सरकार जानबूझकर इस मामले को लटकाने का प्रयास कर रही है और अपने हित के लिए ट्रक ऑपरेटरों को बांट रही है. इसके चलते ही शिमला में 20 जनवरी को उद्योग मंत्री के साथ हुई बैठक में बरमाणा के ऑपरेटरों को नहीं बुलाया गया था. इससे प्रदेश सरकार की नीयत साफ हो गई है. उद्योग मंत्री इस विवाद को ऑपरेटरों व अडानी समूह के बीच का मामला बताकर अपना पल्लू झाड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की अडानी समूह से कथित तौर पर सांठगांठ हो चुकी है और एक सोची-समझी चाल के तहत ही सरकार दाड़लाघाट और बरमाणा के ऑपरेटरों को बांट रही है. दोनों सीमेंट प्लाटों के ऑपरेटरों की एकता को तोड़ने के बाद सरकार अपनी मर्जी के रेट तय करने की नोटिफिकेशन जारी करेगी.

भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल की मौजूदगी में धरना प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि भाजपा ऑपरेटरों के हितों से किसी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होने देगी और उनके हकों के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी. सरकार चाहे तो इस विवाद को एक क्षण में हल कर सकती है. इसके लिए 2005 में बने फार्मूले के तहत किराया निकालने के लिए ज्यादा समय नहीं लगेगा. धरने को पूर्व सांसद सुरेश चंदेल ने भी संबोधित किया. सदर भाजपा द्वारा आयोजित यह धरना एक घंटा तक चला. सदर भाजपा पदाधिकारियों ने दुर्गा मंदिर बरमाणा से लेकर डैहर सड़क तक रोष रैली भी निकाली. इस दौरान प्रदेश सरकार व अडानी समूह के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की गई.

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