बिलासपुर: कोरोना संकट की इस घड़ी में वेंटिलेटर का खराब परिस्थिति में मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा. बिलासपुर जिला अस्पताल में वेंटिलेटर तो उपलब्ध हैं, लेकिन इनके संचालन के लिए मैनपावर ही नहीं है.
विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो एक वेंटिलेटर संचालन के लिए तीन एनेस्थिसियाए तीन ओटीए और इतनी ही स्टाफ नर्स की आवश्यकता रहती है. जिला में इस समय 2 दर्जन से अधिक वेंटिलेटर उपलब्ध हो चुके हैं मगर इनका संचालन करने के लिए स्टाफ व डॉक्टर ही नहीं हैं.
मैनपावर न होने की वजह से इनका सदुपयोग नहीं हो पा रहा
विडंबना यह है कि स्वास्थ्य प्रशासन के पास संचालन के लिए मैनपावर न होने की वजह से इनका सदुपयोग नहीं हो पा रहा. जानकारी के मुताबिक कोविड संकट के इस दौर में वेंटिलेटर की सर्वाधिक जरूरत है. क्योंकि ज्यादा तबीयत खराब होने की स्थिति में मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है.
बताया जा रहा है कि प्रदेश भर में केवल मेडिकल कॉलेजों में ही इनका संचालन किया जा रहा हैए जबकि जिला अस्पतालों में मैनपावर के अभाव में यह सहूलियत मरीजों को नहीं मिल पा रही. बिलासपुर जिला की बात करें तो यहां पर तेईस वेंटिलेटर उपलब्ध हैं जिसके तहत 10 बिलासपुर क्षेत्रीय अस्पताल, घुमारवीं सिविल अस्पताल में 7 और मारकंडेय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 3 और झंडूता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 3 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं.
स्टाफ की कमी की वजह से वेंटिलेटर प्रयोग में नहीं लाए जा रहे