बिलासपुर: प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर जिला के 27 गांवों में दुग्ध प्रशीतन केंद्र स्थापित किए जाएंगे और बिलासपुर शहर के नजदीक 20 हजार लीटर क्षमता का मिल्क पाश्चुराईजेशन प्लांट भी लगाया जाएगा. इसके अलावा नैना देवी हलके के बस्सी में 73 लाख की लागत से साईलेज मेकिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी, जिससे संस्था से जुड़े पशुपालकों के साथ ही क्षेत्र की जनता को पशुचारे की सस्ती सहूलियत मिलेगी.
जल्द बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करेगी 'कामधेनु', केंद्र सरकार से बजट को मिली मंजूरी
हिमाचल के पांच जिलों में दूध की सप्लाई कर रही बिलासपुर की स्वयंसेवी संस्था कामधेनु हितकारी मंच अब नया प्रोजेक्ट लगाने जा रही है. केंद्र सरकार की ओर से प्रोजेक्ट के लिए बजट को मंजूरी मिल गई है.
संस्था के अध्यक्ष नानक चंद ने बताया कि संस्था की ओर से राज्य सरकार के माध्यम से 9.98 करोड़ का एक प्रोजेक्ट भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय को भेजा गया था. इस प्रोजेक्ट पर चर्चा के लिए बीती 25 जुलाई को प्रोजेक्ट सेंक्शनिंग कमेटी की मीटिंग आयोजित की गई, जिसमें 8.63 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बिलासपुर जिला के 27 गांवों में दुग्ध प्रशीतन केंद्र स्थापित किए जाएंगे. यानी एक गांव में हर दिन औसतन 500 लीटर दूध एकत्रित किया जाएगा.
अध्यक्ष नानक चंद ने बताया कि बिलासपुर शहर के पास 20 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता के मिल्क पाश्चुराईजेशन प्लांट लगाया जाएगा, जिसके लिए शहर के आसपास ही उपयुक्त जमीन की तलाश की जा रही है. जल्द ही जमीन चयनित कर आगामी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा. दरअसल, 5 करोड़ 26 लाख 91 हजार रुपये की लागत के इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति के लिए भेजा गया था, जिसके तहत पांच करोड़ पांच लाख आठ हजार रुपये के बजट को मंजूरी मिली है.