हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बेचेंगी घरेलू उत्पाद, बिलासपुर में खोला विक्रय केंद्र

JICA Project in Bilaspur: हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन आजीविका सुधार योजना के तहत बिलासपुर जिले के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपना स्वरोजगार शुरू कर रही हैं. जिसके तहत वन विभाग बिलासपुर कार्यालय के बाहर महिलाओं द्वारा उत्पादित घरेलू सामान बेचने के लिए विक्रय केंद्र खोला गया है. जिससे उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी.

JICA Project in Bilaspur
बिलासपुर में स्वयं सहायता समूहों ने खोला घरेलू उत्पादों का विक्रय केंद्र

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 9, 2023, 1:56 PM IST

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन आजीविका सुधार योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को रोजगार के नए अवसर मुहैया करवाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में इस योजना के तहत बिलासपुर मुख्यालय में स्वयं सहायता समूह महिलाओं द्वारा उत्पादित घरेलू सामान बेचने के लिए विक्रय केंद्र शुरू किया गया. इसका शुभारंभ जायका विषय विशेषज्ञ डॉ. उल्शीदा ने किया.

कौन से सामान विक्रय केंद्र पर उपलब्ध: वन विभाग बिलासपुर कार्यालय के बाहर लगाए इस विक्रय केंद्र में महिलाओं द्वारा उत्पादित घरेलू सामान जैसे धनिया पाउडर, सोंठ पाउडर, मेथी, बढ़ियां, आचार, स्वयं तैयार किए गए गर्म कपड़े व बैग बेचे जा रहे हैं. इस विक्रय केंद्र में सिर्फ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को रखा गया है.

बिलासपुर में घरेलू उत्पादों का विक्रय केंद्र का शुभारंभ

इसकी जानकारी देते हुए जायका विषय विशेषज्ञ डॉ. उल्शीदा ने बताया कि वर्तमान में इस प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर जिले में करीब 40 से ज्यादा स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट का उदेश्य महिलाओं को आत्म निर्भर बनाना और घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना है. जिसके तहत यह विक्रय केंद्र खोला गया है.

डॉ. उल्शीदा ने बताया कि बिलासपुर जिले के सभी क्षेत्रों में इस तरह के विक्रय केंद्रों को लगाया जा रहा है. जिसमें महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को बेचा जाता है. इस प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं को उत्पाद तैयार करने के लिए आर्थिक मदद भी की जाती है. उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत हिमाचल प्रदेश वन विभाग ने जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी के सहयोग से की थी, जो उभरते देशों में क्षमताओं को मजबूत करने के लिए काम करती है.

महिला स्वयं सहायता समूहों को कार्यशील पूंजी और एक परिक्रामी निधि प्रदान की जाती है. जिसमें सदस्यों को स्किल ट्रेनिंग और मार्केट कांटेक्ट प्रदान किया जाता है. - डॉ. उल्शीदा, जायका विषय विशेषज्ञ

ये भी पढ़ें:हिमाचल में मशरूम की खेती ने बदली महिलाओं की तकदीर, 1 साल में 12 लाख की कमाई

ABOUT THE AUTHOR

...view details