बिलासपुर: जिला बिलासपुर की खड्डों में प्रतिबंध के बावजूद अवैध खनन की वजह से भू-जलस्तर पेयजल योजनाओं के पानी के स्तर लेवल से डेढ़ मीटर नीचे तक चला गया है. विभागीय टीम के सर्वेक्षण में भू-जल स्तर के कम होने का खुलासा हुआ है. पेयजल योजनाओं के अस्तित्व पर भविष्य में एक बड़ा संकट गहराने की संभावना के मद्देनजर जलशक्ति विभाग ने चेकडैम लगाकर जलस्रोतों के संवर्धन की कार्ययोजना तैयार की है.
'अवैध खनन से जिले की 62 पेयजल स्कीमें प्रभावित': उपायुक्त बिलासपुर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी की स्वीकृति के बाद यह प्रस्ताव राज्य स्तरीय कमेटी को प्रेषित किया गया है. राज्य सरकार की ओर से मंजूरी मिलते ही फंडिंग के लिए जलजीवन मिशन की के पास प्रस्ताव को भेजा जाएगा. बिलासपुर जिले में सीर खड्ड के अलावा शुक्र व सरहयाली सहित अन्य सहयोगी खड्डें हैं, जिनसे पेयजल स्कीमें चलाई जा रही हैं. जिले में 278 पेयजल स्कीमें व 76 सिंचाई स्कीमें संचालित हैं. सीर खड्ड पर जाहू से लेकर झंडूता ब्लॉक के बलघाड़ तक 62 पेयजल स्कीमें कार्यरत हैं जिनके माध्यम से हजारों लाखों की आबादी लाभाविंत होती है.
'अवैध खनन से जल संकट की नौबत': सालों से खड्डों में हो रहे अवैध खनन और अवैज्ञानिक तरीके से किए जा रहे खनन के कारण खड्डों का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. जिसके चलते भविष्य में एक बड़ा पेयजल संकट गहराने के आसार बन गए हैं. जलशक्ति विभाग ने जाहू से लेकर बलघाड़ तक जांच की तो पाया कि खड्डों पर आधारित पेयजल योजनाओं का जलस्तर लेवल से डेढ़ मीटर तक नीचे चला गया है. कई योजनाएं में पानी की भारी कमी के चलते खड्ड में किसी दूसरी जगह पंप लगाकर पानी की आपूर्ति लेनी पड़ती है. इस बार अगर जिले में लंबे समय तक बारिश नहीं होती तो शायद इन योजनाओें के लिए टैंकर लगाने की नौबत आती, लेकिन अभी तक बारिश होने के चलते विभाग ने राहत की सांस ली है.