बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में पर्यटन आयुर्वेद की दृष्टि से विकसित होगा. देश-विदेश की नामी कंपनियां हिमाचल प्रदेश में आयुर्वेद को लेकर इन्वेस्ट करना चाहती है. इसके लिए हिमाचल सरकार के साथ देश व विदेश की कंपनियों को एमओयू भी साईन हो चुका है. कोविड कार्यकाल के चलते यह कार्य थोड़ा लेट हो गया है.
बिलासपुर दौरे पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने इस बात का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी को सही करने के लिए आयुर्वेद कारगार सिद्व होगा. क्योंकि जब यहां पर बाहरी राज्यों या विदेशों से पर्यटक आएंगे तो आयुर्वेद के तरीके से उन्हें कई ऐसे इलाज सहित अन्य कई सुविधा प्रदान की जा सकती हैं.
उदाहरण के तौर पर मंत्री ने केरल की तर्ज पर हिमाचल को विकसित करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह केरल में पर्यटक आयुर्वेद लाभ लेने के लिए पहुंचेंगे वैसे ही हिमाचल में भी अब इस तरह की कार्ययोजनाएं तैयार की जा रही हैं.
स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 300 के करीब किसान आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों पर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने प्रदेश के किसानों से आग्रह किया है कि वह आयुर्वेद खेती पर ज्यादा फोकस करेंगे तो उनके लिए उतना ही लाभदायक सिद्व होगा.
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी व प्लने एरिया दोनों में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां लगती हैं, जिससे हिमाचल वासियों को इसका लाभ प्राप्त हो सकता है. इसी के साथ उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर आयुर्वेदिक दवाइयां व काढ़ा सबसे बेहतर बताया है.
उन्होंने कहा कि अगर प्रतिरोधक शक्ति बढ़ानी है तो आयुर्वेदिक काढ़ा सबसे सही है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार के पास वैंटिलेटर भी अब पर्याप्त मात्रा में हैं.