बिलासपुर: नैना देवी के स्वारघाट उपमंडल की ग्राम पंचायत कुटैहला के मनरेगा ऑडिट और पंचायत विभाजन की समस्याओं के लिए ग्राम सभा कोरम रखी गई थी. ग्रामीणों की समस्या दर्ज किए बिना ही कोरम को सम्पन्न कर दिया गया. जिस वजह से लोगों में भारी रोष देखा गया.
हंगामे के बीच पंचायत प्रधान, उप-प्रधान व सचिव बिना प्रस्ताव डाले ही ग्राम सभा से चले गए जबकि स्वारघाट पुलिस थाना प्रभारी बलबीर सिंह की अगुवाई में एक पुलिस टीम उनकी सुरक्षा के लिए मौके पर मौजूद थी.
बुधवार को हुई ग्राम सभा में 300 से अधिक ग्रामीणों ने पंचायत रजिस्टर पर अपनी हाजिरी दर्ज की. काथला , डडराणा, दभेटा, धारभरथा, कुलाह और मतनोह के ग्रामीणों द्वारा दभेटा पंचायत बनाने के बारे में जैसे ही प्रस्ताव रखा गया तो मंझेड पंचायत बनाने की मांग करने वाले गुट ने नारेबाजी शुरू कर दी और पंचायत, स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए.
नारेबाजी के दौरान कुछ लोग पंचायत सचिव व उप-प्रधान के साथ उलझ गए जबकि वहां उपस्थित पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे. काफी देर बाद पुलिस द्वारा नारे लगाने वाले लोगों को वहां से हटाया गया. ग्राम सभा में हुए भारी हंगामे के बाद पंचायत प्रधान, उप-प्रधान व सचिव बिना कोई कार्यवाही के उठकर चले गए.
बता दें कि इससे पूर्व ग्राम सभा के दौरान मंझेड को अलग पंचायत बनाने के बारे में प्रस्ताव कुटैहला पंचायत की ओर से बीडीओ कार्यालय को भेजा गया था. इसके बाद मतनोह-भुलान के ग्रामीणों द्वारा मंझेड पंचायत में जाने के बारे में एसडीएम व बीडीओ को असहमति जताते हुए ज्ञापन दिया था.
वहीं, काथला, डडराणा, दभेटा, धारभरथा, कुलाह और मतनोह के ग्रामीणों द्वारा दभेटा पंचायत बनाने के बारे में भी एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था जिसके बाद 24 दिसंबर को ग्राम सभा रखी गई थी. मंगलवार को रखी गई ग्राम सभा में सैंकड़ो की तादाद में लोग पहुंचे.
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