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Ghumarwin Assembly Seats: कांग्रेस की मजबूत पकड़वाली घुमारवीं सीट, BJP फिर से कर पाएगी कब्जा?

बिलासपुर जनपद की घुमारवीं विधानसभा सीट का मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है. बीजेपी ने इस बार भी वरिष्ठ नेता व मंत्री राजेंद्र गर्ग पर ही दांव लगाया तो उन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने राजेश धर्माणी को मैदान में उतारा है. वहीं, गर्ग के करीबी राकेश चोपड़ा आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर... (Ghumarwin Assembly Seat)

Ghumarwin Assembly Seat
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Published : Nov 24, 2022, 2:53 PM IST

Updated : Nov 24, 2022, 5:28 PM IST

बिलासपुर:कांग्रेस के राजेश धर्माणी घुमारवीं विधानसभा सीट से लगातार दो बार (2007 और 2012) चुनाव जीते चुके हैं लेकिन 2017 में यह सीट उनके हाथ से निकल गई. साल 2017 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र गर्ग को जीत मिली थी. इस बार गर्ग के करीबी रहे राकेश चोपड़ा आम आदमी पार्टी से चुनावी मैदान में कूदे हैं. ऐसे में घुमारवीं सीट का त्रिकोणीय मुकाबले पर सभी की निगाहें हैं. (himachal pradesh election result 2022) (Rajinder Garg vs Rajesh Dharmani)

घुमारवीं सीट पर मतदान:2017 में घुमारवीं सीट पर 72.24 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था जबकि 2022 में 73.96 फीसदी मतदान हुआ. इस बार मतदान के प्रतिशत में 1.72 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है. अब 8 दिसंबर को पता चलेगा कि जनता ने किसे मौका दिया है. सीट पर 43,314 पुरुष व 43,952 महिला और एक थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं.

2017 में बीजेपी का कब्जा

पढ़ें-Himachal Seat Scan: घुमारवीं में भाजपा के वरिष्ठ नेता क्या मंत्री राजेंद्र गर्ग का दे पाएंगे साथ, गुटबाजी के बीच जानिए चुनावी समीकरण

घुमारवीं सीट का इतिहास :साल 1977 में यहां से जनता पार्टी की ओर से नारायण सिंह स्वामी भाजपा के पहले विधायक बने, जिसमें कुल 30,292 लोगों ने मतदान किया और 65.6 प्रतिशत ही मतदान हुआ था. वहीं, दूसरी बार भी नारायण सिंह स्वामी 1982 में फिर से भाजपा के विधायक बने. उसके बाद साल 1985 में कश्मीर सिंह कांग्रेस से विधायक बने. उस समय 34,857 मतदाताओं ने मतदान किया था और 74.3 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.

घुमारवीं सीट का इतिहास

उसके बाद कर्मदेव धर्माणी 1990 में भाजपा के विधायक बने. उस समय में 46,318 लोगों ने मतदान किया था. 68 प्रतिशत मतदान किया गया था. उसके बाद 1993 में कश्मीर सिंह कांग्रेस से विधायक बने और वह 1998 भी कश्मीर सिंह ने कांग्रेस से इस सीट पर जीत हासिल की थी. उसके बाद 2003 में कर्मदेव धर्माणी भाजपा से फिर से विधायक चुने गए. साल 2007 में राजेश धर्माणी कांग्रेस से विधायक चुने गए. साल 2012 के चुनावों में भी राजेश धर्माणी विजेता रहे. वहीं, साल 2017 में भाजपा से राजेंद्र गर्ग इस सीट पर विधायक चुने गए.

ये हैं चुनावी मुद्दे: घुमारवीं में स्थानीय जनता की हमेशा मांग (Ghumarwin Assembly Constituency Issues) रही है कि यहां कूड़ा संयंत्र लगाया जाए, लेकिन नगर परिषद के पास अभी तक भी कोई पर्याप्त स्थान नहीं है. नगर परिषद को जबरन नदी के पास ले जाकर कूड़ा खुले में फेंकना पड़ रहा है. जिससे घुमारवीं में गंदगी का आलम है. दूसरी ओर घुमारवीं में पार्किंग की गंभीर समस्या है. यहां पर लोगों को पार्किंग की सुविधा नहीं है. लोगों को अपनी गाड़ी खड़ी करने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है, लेकिन वर्तमान में सरकार अभी तक भी समस्याओं के लिए हल नहीं निकाल पाई है.

कांग्रेस के राजेश धर्माणी देगें कड़ी टक्कर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक राजेश धर्माणी लगातार दो बार घुमारवीं से जीत कर आये हैं. युवा और तेजतर्रार होने की वजह से उन्हें सीपीएस भी बनाया गया. दूसरे राज्यों में प्रभारी भी बनाये गए, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह (Himachal Former CM Virbhadra Singh) से 36 का आंकड़ा रहने की वजह से मंत्री पद हासिल नहीं कर पाए. कांग्रेस कमेटी द्वारा राजेश धर्माणी को चार्जशीट मेंबर कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है.

राजेश धर्माणी की संपत्ति:50 साल के कांग्रेस प्रत्याशी राजेश धर्माणी के पास 1 करोड़ से ज्यादा की चल और अचल संपत्ति है. धर्माणी के पास पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री है. कृषि कार्यों से जुड़े ब्राह्मण उम्मीदवार की घुमारवीं में मजबूत पकड़ मानी जाती है.

मंत्री राजेंद्र गर्ग हैं करोड़पति :2017 के चुनाव में गर्ग ने जीत दर्ज की थी. फिलहालखाद्य आपूर्ति मंत्री हैं.(Food Supplies Minister Rajendra Garg) इनके पास 3 करोड़ से ज्यादा की चल और अचल संपत्ति है. 56 साल के गर्ग के पास भी पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री है.

Last Updated : Nov 24, 2022, 5:28 PM IST

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