बिलासपुर: जिला बिलासपुर में एनपीएस कर्मचारियों की गेट मीटिंग जिला (NPS Employees Federation bilaspur meeting) प्रधान सीता राम की अध्यक्षता में दोपहर को संपन्न हुई. बैठक में कर्मचारियों को नई पेंशन के नुकसान व पुरानी पेंशन के फायदे के बारे में विस्तार से चर्चा हुई. इस अवसर पर सीता राम ने कहा कि एनपीईएस कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि केवल मात्र शपथ लेने पर विधायक जहां आजीवन पेंशन का हकदार हो जाता है तो 30-35 वर्षों तक सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी को क्यों निजी कंपनियों के (old pension restoration Demand Himachal) माध्यम से अपने से अर्जित धन का 40 प्रतिशत का केवल ब्याज ही मिल रहा है, जबकि कर्मचारी सरकारी सेवा में अपनी जिंदगी के बेहतरीन पल अपने कार्यक्षेत्र में देता है. इसके विपरीत सरकार निजी कंपनियों के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देना सरासर अन्याय हैं जो किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है.
उन्होंने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों की अनदेखी की गई तो आने वाले समय मेें सरकार को इसका खमियाजा भुगतना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के एनपीईएस कर्मचारियों की एकता पूरे भारत के कर्मचारियों के लिए एक उदारहण है. एनपीईएस संगठन की बैठकों में पुरानी पेंशन की बहाली की मांग के समर्थन में क्लास वन अफसर से लेकर क्लास फोर तक कर्मचारियों का भाग लेना एक संकेत है कि आने वाले समय में बिना पेंशन बहाली के मिशन रिपीट मुमकिन नही है.
उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार पुरानी पेंशन बहाल करे इससे कम कुछ भी मंजूर नही क्योंकि वर्तमान में नई पेंशन योजना से आज जो भी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनकी हालत बहुत ही दयनीय है. यदि पूरा जीवन सरकारी सेवा में देने के उपरांत इसी तरह का प्रतिफल कर्मचारी को मिलेगा तो फिर क्यों आज का शिक्षित नौजवान सरकारी सेवा में आएगा. उन्होंने कहा कि आज हमारे प्रतिभाशाली डॉक्टर इंजीनियर तथा अन्य पढ़े लिखे नौजवान पलायन कर रहे हैं जो कि एक चिंतनीय विषय है. सरकार को चाहिए कर्मचारियों की सुध लें ताकि कर्मचारी अन्य कामों में ना उलझ कर अपनी शत प्रतिशत ऊर्जा अपने अपने काम पर खर्च करें. सरकार से कर्मचारियों की भलाई व सुरक्षित भविष्य के लिये पुरानी पेंशन लागू करने हेतू अनुरोध किया गया.