बिलासपुर: जिला बिलासपुर शहर में हॉकी के अस्तित्व को बचाने के लिए शहर के बुजुर्ग खिलाड़ी सामने आए हैं. यहां पर बुजुर्ग खिलाड़ी प्रतिदिन शाम के समय हॉकी खेल का अभ्यास करते हैं. यह बुजुर्ग खिलाड़ी हॉकी के पूर्व नेशनल खिलाड़ी भी रह चुके हैं.
बुजुर्ग खिलाड़ियों ने हैरानी जताई है कि बिलासपुर कभी हॉकी के लिए सुप्रसिद्ध था. इसके बावजूद कोई भी खिलाड़ी हॉकी खेलने के लिए सामने नहीं आता है. वहीं, उन्होंने बिलासपुर से हॉकी खेल का ऊना में शिफ्ट होना भी बिलासपुर वासियों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
मैदान में अभ्यास करते बुजुर्ग खिलाड़ी. बिलासपुर के पूर्व हॉकी खिलाड़ी रविंद्र भट्टा ने कहा कि बिलासपुर ने हॉकी को लेकर हमेशा अपनी धाक बनाई है, लेकिन अब बिलासपुर से कोई कॉलेज की हॉकी टीम के साथ साथ बिलासपुर शहर की भी कोई टीम तैयार नहीं हो रही है. हॉकी खेल को जारी रखने के लिए अब बुजुर्ग खिलाड़ी ही सामने आ रहे हैं. यहां पर हॉकी की सुविधाएं कम होने की समस्या भी इसका मुख्य कारण है.
उधर, पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर एजुकेशन सुशील पुंडीर ने कहा कि हॉकी के युवा खिलाड़ी बिलासपुर में खत्म हो गए हैं, जबकि इतिहास में बिलासपुर से कई खिलाड़ी हॉकी में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं. सुशील पुंडीर ने सरकार से मांग की है कि यहां पर हॉकी की हर सुविधा दी जाए, ताकि खिलाड़ियों का रुझान एक बार फिर से हॉकी खेल की ओर बढ़े.
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