बिलासपुर:जिला के कलोल और मलोखर क्षेत्र से भरे छह खाद्य पदार्थाें के सैंपल जांच के दौर फेल पाए गए हैं. कंडाघाट जांच लैब से आई रिपोर्ट में यह सामने आया है. फूड एडं सेफ्टी विंग की ओर से इन क्षेत्रों से सैंपल भरे गए थे.
रिपोर्ट आने के बाद यह सैंपल फेल हैं. फूड एंड सेफ्टी विभाग के सहायक आयुक्त महेश कश्यप के अनुसार यह सैंपल कुछ सप्ताह पहले लिए गए थे. जिनमें कलोल क्षेत्र से आटा, सरसों का तेल, इमली और मलोखर क्षेत्र से दो नमकीन सहित एक ब्रेड के सैंपल भरे थे. जिसके बाद इन सैंपलों को कंडाघाट जांच लैब में भेजा गया था. शुरुआती कार्रवाई के अनुसार अभी दुकानदारों को बतौर नोटिस भी जारी कर दिया है. इसके बाद इनको हजारों रुपये से लेकर लाखों रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है. नोटिस में इन दुकानदारों से एक माह के भीतर जवाब मांगा गया है.
गौरतलब है कि बिलासपुर में कुछ माह पहले ही फूड एंड सेफंटी विंग में सहायक आयुक्त का कार्यभार संभालने के बाद महेश कश्यप ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करना शुरू कर दी है. वह अपनी टीम के साथ जिला के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर दुकानों का निरीक्षण भी कर रहे हैं. ऐसे में खाद्य पदार्थाें की गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल भी लिए जा रहे हैं. वहीं, अभी हाल ही में फूड एंड सेफटी विंग की टीम ने नम्होल क्षेत्र में एक मिठाई दुकान से खराब कई किलो मिठाइयों को भी फेंकवाया है.
महेश कश्यप ने बताया कि खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों की दुकानों में अगर गंदगी भी पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने फास्ट फूड बेचने वालों से अपील की है कि अपनी दुकानों के किचन को साफ-सुथरा रखें. इसी के साथ दुकान में काम करने वाले वर्कर्स का भी लाइसेंस अनिवार्य किया है. इन सभी की जानकारी विभाग के पास होना जरूरी है.
बता दें कि जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट से स्पष्ट है कि घटिया और मिलावट वाले खाद्य पदार्थों को लोगों को बेचा जा रहा है. इससे सेहत को तो नुकसान हो ही रहा और लोगों की जेब भी ढीली हो रही हैं. मिलावट से बेखबर लोग मिलावट वाले खाद्य पदार्थों को खरीद रहे हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के फूड एंड सेफ्टी विंगस की टीमें लगातार निरीक्षण तो कर रही हैं, लेकिन फिर भी दुकानदार सहित निर्माता कंपनी खाद्य पदार्थाें में मिलावट करने से परहेज नहीं करते हैं.