बिलासपुर: जिला बिलासपुर में ज्यादातर शराब के ठेके बिना स्वास्थ्य लाइसेंस से चल रहे हैं. इस बात का खुलासा फूड एंड सेफ्टी विभाग की रिपोर्ट में हुआ. विभाग ने इन शराब के ठेकेदारों को बतौर नोटिस भी जारी किया हुआ था और जल्द लाइसेंस बनाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन उक्त ठेकेदार इस बात को हल्के में ले रहे थे. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अब जल्द ही लाखों रूपये का जुर्माना इन ठेकेदारों को लगाने जा रहा है.
वहीं, सोमवार को फूड एंड सेफ्टी विभाग ने जिला के शराब के ठेकों में जाकर औचक निरीक्षण भी किया है. जिसमें उन्होंने मौके पर ही चार शराब के सैंपल भी भरे है. वहीं, एक ठेकेदार का चालान भी किया है. ऐसे में सोमवार को ताबड़तोड़ कार्रवाई के चलते शराब ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है.
लंबे समय से लाइसेंस बनाने के लिए नोटिस जारी किया था
जानकारी देते हुए फूड एंड सेफ्टी सहायक आयुक्त महेश कश्यप ने बताया कि इन शराब ठेकेदारों को लंबे समय से लाइसेंस बनाने हेतू नोटिस जारी किया गया था, लेकिन निरीक्षण के दौरान ठेकेदारों ने लाइसेंस नहीं बनाए थे. ऐसे में अंततः विभाग ने इन पर कार्रवाई करते हुए सख्त रूप अपना लिया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार शराब बेचने वाले ठेकेदारों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से बतौर अलग से लाइसेंस बनाना अनिवार्य किया गया है, क्योंकि शराब भी लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ खाद्य पदार्थ है. ऐेसे में विभाग समय-समय पर शराब के ठेकों का औचक निरीक्षण भी करता है और संदिग्धता के आधार पर सैंपल प्रक्रिया भी जारी रखता है, लेकिन लंबे समय से बिलासपुर के अधिकतर शराब ठेकेदार बिना लाइसेंस से शराब बेच रहे थे.
5 लाख तक रूपये का जुर्माना सहित 6 माह की कैद का भी प्रावधान है
ऐसे में विभाग ने इनपर कार्रवाई करना शुरू कर दी. सहायक आयुक्त के अनुसार इस एक्ट के तहत व्यक्ति को 5 लाख तक रूपये का जुर्माना सहित 6 माह की कैद का भी प्रावधान है. अगर समय रहते ठेकेदार स्वास्थ्य विभाग के मानकों को पूरा नहीं करता है तो उनके खिलाफ यह कार्रवाई भी अमल में लाई जाती है.