बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में प्रदेश का पहला डिजिटल पुस्तकालय विकसित होगा. इसके लिए माईनिंग फंड से बजट का प्रावधान किया जाएगा. जिला प्रशासन ने पुस्तकालय को हाईटेक बनाए जाने को लेकर हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रोनिक्स डिवेल्पमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीएसईडीसी) को पत्र लिखा है. उस ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को प्रेषित की जाएगी, जिसके आधार पर अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा.
जिला पुस्तकालय में एक बिग रीडिंग हॉल, ई-लाइब्रेरी, कंप्यूटर टैब, उपयुक्त फर्नीचर सहित विद्यार्थियों के लिए अन्य जरूरी सहूलियतों को विकसित किया जाएगा. सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी सर्विलांस नेटवर्क स्थापित किए जाएंगे. अहम बात यह है कि यहां विद्यार्थियों को एनसीईआरटी व सीबीएसई का सारा सिलेबस ऑनलाइन उपलब्ध होगा, जबकि ज्ञान से भरपूर किताबें भी उपलब्ध होंगी.
हाईटेक पुस्तकालय बनाने का लिया गया निर्णय:बता दें, बिलासपुर के रौड़ा सेक्टर में कार्यरत जिला पुस्तकालय काफी पुराना है. वर्तमान में खराब हालत के चलते विद्यार्थियों को काफी समस्याएं पेश आती हैं इसलिए पिछली सरकार के समय भी इस लाईब्रेरी को विकसित करने के लिए प्रयास जरूर हुए थे, लेकिन बजट की कमी के चलते आगे कवायद शुरू नहीं हो सकी. बिलासपुर के उपायुक्त ने नया इनिशिएटिव लेते हुए जिला पुस्तकालय को प्रदेश के पहले डिजिटल पुस्तकालय के रूप में विकसित करने की योजना पर काम शुरू किया. जिसके तहत माइनिंग फंड से बजट का प्रावधान कर हाईटेक बनाने का निर्णय लिया गया है.
एचपीएसईडीसी को लिखा गया है पत्र:उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक का कहना है कि हाल ही में माईनिंग फंड से 5 लाख रूपए की राशि पुस्तकालय भवन की रिपेयर करने के अलावा कुर्सियां व पंखे इत्यादि खरीदने के लिए उपलब्ध करवाई गई है. उन्होंने बताया कि डिजीटल लाईब्रेरी विकसित करने के लिए एचपीएसईडीसी को पत्र लिखा गया है. उस ओर से सुनियोजित ढंग से लाईब्रेरी को हाईटेक तरीके से विकसित करने के लिए एक पूरा प्रारूप तैयार किया जाएगा और इसी प्रारूप के आधार पर बजट का प्रावधान कर इसे डेवलप किया जाएगा.