बिलासपुरः चर्चाओं में रहने वाला सीएमओ कार्यालय बिलासपुर पर एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. अस्पताल की एक महिला कर्मचारी ने मुख्यमंत्री, महिला आयोग और डायरेक्टर फूड सेफ्टी एंड हेल्थ सर्विसेज को पत्र लिखकर अधिकारियों पर नौकरी से निकालने की साजिश और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं.
महिला कर्मी ने आरोप लगाए हैं कि जब वो मैटरनिटी लीव पर थी और उसके बाद जब उसने वापिस अपनी ड्यूटी ज्वाइन की तो उसकी जगह पर नियमों के खिलाफ दूसरी युवती को नियुक्त किया गया था. ज्वाइनिंग के बाद उसे अब तक काम नहीं दिया गया है और उसे एमएस ऑफिस में शिफ्ट कर फ्री बिठाया हुआ है.
महिला कर्मी का कहना है कि प्रशासन कार्रवाई की बजाए दोनों कर्मचारियों पर अब समझौता करने का दवाब बनाने की कोशिश कर रहा है. महिला कर्मचारी के आरोपों के बाद अब एक बार फिर बिलासपुर सीएमओ कार्यालय सवालों के घेर में आ गया है. इससे पहले भी यहां उपकरण अधिक मुल्य पर खरीदने के आरोप लगे हैं.
सीएमओ के आदेशों पर जांच भी हुई, लेकिन इसके नतीजे अब तक नहीं आए हैं. उसके बाद फॉगिंग मशीन का मामला सामने आया. अभी कुछ समय पहले सीएमओ कार्यालय में डायरेक्टर फूड एंड हेल्थ सर्विसेज के लिए महिला कर्मी की नियुक्ति कर दी गई थी, लेकिन डायरेक्टर की ओर से इस मामले में जवाब तलब किए जाने के बाद नियुक्ति को हटा दिया गया.
अब नए मामले में सीएमओ से लेकर कार्यालय अधीक्षक तक सभी उस नियुक्ति से मुकर रहे हैं. जब इस बारे में डीसी राजेश्वर गोयल से बात की गई तो उनका कहना है कि मामले को लेकर सीएमओ से बातचीत की जाएगी और जो भी उचित कार्रवाई होगी अमल में लाई जाएगी.