बिलासपुर:स्वारघाट में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन किए गए कुहमझवाड़ पंचायत के एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु के मामले में परिजनों के साथ लोगों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
जांच में देरी से भड़के लोग शुक्रवार को बिलासपुर में सड़कों पर उतर पड़े. त्यून-सरयून किसान एवं श्रमिक कल्याण सभा के अध्यक्ष आशीष ठाकुर की अगुवाई में ग्रामीणों ने पहले काॅलेज चौक पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.
उसके बाद डीसी ऑफिस तक शांति मार्च निकाला गया. बाद में डीसी ऑफिस में धरना दिया गया, जिसमें पूर्व कांग्रेस विधायक बम्बर ठाकुर भी मौजूद रहे. डीसी ऑफिस बिलासपुर में धरने को संबोधित करते हुए बम्बर ठाकुर और आशीष ठाकुर ने कहा कि बीते माह दिल्ली से आए कुहमझवाड़ पंचायत के युवक हंसराज को स्वारघाट में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन किया गया था.
बीते 10 मई को तबीयत बिगड़ने पर डाॅक्टर ने जांच के बाद मरीज को बिलासपुर रेफर कर दिया. हालांकि वहां एम्बुलेंस भी मौजूद थी, लेकिन उसके कर्मचारियों ने हंसराज को हाथ तक नहीं लगाया. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से उसे एम्बुलेंस के माध्यम से बिलासपुर पहुंचाया गया. बिलासपुर से उसे आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया गयाए, लेकिन वहां भी एम्बुलेंस देरी से रवाना हुई. समय पर इलाज न होने के कारण हंसराज ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था.