बिलासपुर: ग्यारह वार्डों में विभाजित नगर परिषद बिलासपुर के लिए स्वीकृत लगभग डेढ़ करोड़ लागत की विभिन्न विकासात्मक योजनाएं लटक गई है. इसका मुख्य कारण कनिष्ठ अभियंता जेई का पद पिछले कई माह से रिक्त होना है. जेई न होने से शहर में न तो विकास कार्यों को गति मिल पा रही है और न ही नए प्रोपोजल पर काम हो रहा पा रहा है.
मौजूदा स्टाफ को करना पड़ रहा भारी मुश्किलों का सामना
नक्शे के लिए ऑनलाइन आ रहे आवेदनों को भी अभी तक अप्रूवल नहीं मिल सकी है. इसके चलते नगर परिषद के मौजूदा स्टाफ को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी ओर, सेनेटरी इंस्पेक्टर का पद रिक्त होने से भी नगर परिषद पर काम का बोझ पड़ा है और कोरोना संकट के बीच जरूरत पड़ने पर या तो बाबू या फिर कार्यकारी अधिकारी को खुद मोर्चा संभालना पड़ रहा है. बेलदारों की कमी से सड़कों की रिपेयर व पैचवर्क सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
मार्च में हुआ था जेई का तबादला
जानकारी के मुताबिक नगर परिषद बिलासपुर में कार्यरत जेई का तबादला मार्च माह में ही नयनादेवी के लिए हो गया था. उसके बाद से यह पद रिक्त चल रहा है, जिसकी वजह से नगर परिषद प्रशासन को काफी मुश्किलें पेश आ रही हैं. न तो नई प्रपोजल पर काम हो पा रहा है और न ही स्वीकृत विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा सका है.