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जानिए आम के पेड़ों को कीटों से बचाएं, उद्यान व बागवानी उपनिदेशक विनोद शर्मा ने दी जानकारी

हिमाचल में निचले जिलों में इस समया आम व अन्य फल भी तैयार हो रहे हैं. जिसके लिए उद्यान एवं बागवानी उपनिदेशक बिलासपुर डाॅ. विनोद शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आम के पौधों में एक छोटा भूरे रंग का कीट होता है. इसकी रोकथाम के लिए किसानों को सलाह दी है कि मोनोक्रोटोफास या क्लोरोपाइरिफास 1.5 एमएल लीटर का छिड़काव करें और ज्यादा जानकारी लेनी हो, तो वह नजदीकी बागवानी केंद्रों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

Horticulture department bilaspur
बागवानी विभाग बिलासपुर

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Published : May 21, 2020, 8:10 PM IST

बिलासपुर: उद्यान एवं बागवानी उपनिदेशक बिलासपुर डाॅ. विनोद शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आम के पौधों में एक छोटा भूरे रंग का कीट होता है. जिसका नाम मैंगो हाॅपर या भुनगाध्तेला है. जोकि वसंत ऋतु में आम की बौर पर झूंड के रूप में नजर आने लगते हैं, जो बौर का रस चूसकर आम को काफी नुकसान पहुंचाते है.

डाॅ. विनोद शर्मा ने बताया कि कीट के वयस्क और शिशु पत्तों व फूलों का रस चूसते हैं. भुनगा कीट एक प्रकार का मीठा रस विसर्जित करता है, जो कि पेड़ों की पत्तियों और फल पर लग जाता है. जिस पर काली फफूंद सूटी मोल्ड पनपती है.

इससे पत्तियों चिपचिपी और फंफूद से काली हो जाती हैं. ऐसे में बौर मुरझाने लगते हैं और असमय ही पेड़ से झड़ जाते हैं. इसकी रोकथाम के लिए किसानों को सलाह दी है कि मोनोक्रोटोफास या क्लोरोपाइरिफास 1.5 एमएल लीटर का छिड़काव करें. डाॅ. विनोद शर्मा ने जिला के किसानों से आग्रह किया है कि बागवानी संबंधी अधिक जानकारी के लिए वह अपने नजदीकी बागवानी केंद्रों में भी संपर्क कर सकते हैं.

बिलासपुर जिला में आम की पैदावार का यह उचित समय है. जिसके चलते किसानेां को यह जानकारी दी जा रही है. यदि आम व अन्य फलों के लगाने व उनकी देखभाल की जानकारी लेनी हो, तो वह नजदीकी बागवानी केंद्रों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

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