बिलासपुर:क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में तैनात दंत चिकित्सक एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं. अपनी ओपीडी में महंगी कुर्सियों व सामान की खरीद-फरोख्त में बैठी जांच कमेटी को उक्त चिकित्सक संतुष्ट नहीं कर पाया. जांच कमेटी द्वारा लिखित पूछे गए प्रश्न व जांच करने पर चिकित्सक विवादों में फंस गए है.
वहीं, असंतुष्ट जवाब मिलने व पूरी जांच करने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करके शिमला निदेशालय को भेज दी गई है. साथ ही अब अंदेशा लगाया जा रहा है किनिदेशालय की ओर से इस सारे मामले की जांच की जाएगी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दरअसल, मामला यह है कि उक्त दंत चिकित्सक ने अपनी ओपीडी में महंगे फर्नीचर की खरीद-फरोख्त कर रखी थी. जिसकी कानों कान अस्पताल प्रशासन को भी खबर नहीं थी. इस दौरान जब बिलासपुर चिकित्सा अधीक्षक ने ओपीडी का निरीक्षण किया तो पाया गया कि उक्त चिकित्सक ने अपनी ओपीडी में महंगे फर्नीचर व अन्य सामान रखा हुआ है.
पूरी जांच में कुछ और ही सामने आ निकला
ऐसे में इस सारे मामले की रिपोर्ट जब उक्त चिकित्सक से मांगी गई तो चिकित्सक ने अपनी मानसिक बीमारी का हवाला देकर कहा कि डॉक्टर ने उन्हें इस तरह के फर्नीचर खरीदने को कहा गया है. ऐसे में जब इस सारे मामले को लेकर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनके भारद्वाज ने जांच कमेटी की गठित की और एक माह तक चली पूरी जांच में कुछ और ही सामने आ निकला.
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि इस तरह का किसी भी चिकित्सक ने साफ नहीं किया है कि मानसिक बीमारी को दूर करने के लिए महंगे फर्नीचर का होना जरूरी है. वहीं, अस्पताल प्रशासन भीउक्त दंत चिकित्सक के जवाब से हक्का-बक्का हो गया है.