बिलासपुर:कोरोना वायरस ने दंत चिकित्सकों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में आकर दंत चिकित्सक मरीजों का इलाज करते हैं, लेकिन अब कोरोना वायरस के चलते दांतों से संबंधित मरीजों का इलाज करने के लिए अलग से गाइडलाइन है.
डायरेक्टरेट हेल्थ की ओर से जारी आदेशानुसार अब दंत चिकित्सक को एरोसोल जर्नेटिंग प्रोसीजर का यूज बहुत कम करना है, यानि की दांतों का इलाज करने के लिए अब उनका ट्रीटमेंट कम करना है, जितना संभव हो सके तो दवाइयों के माध्यम से मरीजों का इलाज करना होगा.
अगर कोई बहुत ही आपातकाल स्थिति जैसे की मुंह में पस पड़ जाना इत्यादि हो तभी मरीज को को एरोसोल जर्नेटिंग प्रोसीजर के माध्यम से उपचार दिया जाएगा.
बिलासपुर अस्पताल में तैनात दंत विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत आचार्य ने बताया कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को पूरा किया जा रहा है. अगर बहुत ही जरूरी हो तो पीपीई किट्स डालकर मरीजों को इलाज किया जा रहा है. वहीं, उन्होंने यह भी साफ किया है कि इलाज अब अधिकतर दवाइयों के माध्यम से ही किया जा रहा है.
डॉ. आचार्य का कहना है कि कोरोना वायरस सबसे अधिक स्लाइवा यानि की थूक के माध्यम से फैलता है, जबकि दांतों के इलाज में मरीज के स्लाइवा के साथ चिकित्सक का सीधा संपर्क होता है, जिसके चलते यह संक्रमण अधिक फैलने का भय बना हुआ होता है.