बिलासपुर:पिछले वर्ष डीएलएड प्रशिक्षण प्रथम वर्ष में प्रदेश भर में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा दिपांशी ठाकुर ने इस वर्ष भी डीएलएड द्वितीय वर्ष में थ्योरी में प्रदेश भर में सबसे अधिक अंक प्राप्त किए हैं लेकिन टीपी यानी टीचिंग प्रैक्टिकल में डाईट की तरफ से कम अंक मिलने के कारण दिपांशी ठाकुर को द्वितीय स्थान पर ही संतोष करना पड़ा. जिसके बाद अब दिपांशी ठाकुर ने आरोप लगाया है कि डाईट प्रशिक्षुओ में उसे ही सबसे कम अंक दिए गए.
थ्योरी में रही टॉप फिर भी मैरिट में नहीं बना पाई स्थान: दिपांशी ठाकुर ने डीएलएड प्रथम वर्ष में 1200 में से 1065 अंक प्राप्त करके प्रदेश भर में द्वितीय स्थान प्राप्त किया था. इस वर्ष में दिपांशी ठाकुर ने डीएलएड द्वितीय वर्ष की परीक्षा में प्रदेश भर में सबसे अधिक 800 में से 734 अंक प्राप्त किए. वहीं, डाईट की तरफ से दिपांशी को प्रैक्टिकल में 200 में से मात्र 140 अंक दिए गए जिसके बाद दिपांशी ठाकुर के कुल अंक 1000 में से 874 आए.
डाईट प्रधानाचार्य को सौंपा शिकायत पत्र:दीपांशी के मुताबिक डाईट जुखाला में बाकी सभी प्रशिक्षुओं को प्रैक्टिकल में 200 में से अधिकतम 160 से लेकर 170 और 180 अंक भी मिले हैं. सिर्फ उसके ही सबसे कम 140 अंक हैं. दिपांशी ठाकुर का कहना है कि अगर उसे भी बाकी प्रशिक्षुओं की तरह 180 या 170 अंक दिए जाते तो वो प्रदेशभर में टॉप कर सकती थीं. अब दिपांशी ठाकुर ने इस बारे में डाईट प्रधानाचार्य को शिकायत पत्र देते हुए इसकी जांच करने की अपील की है. दिपांशी ने कहा कि इस संदर्भ में जांच की जाए और उसे बताया जाए कि उसको सबसे कम अंक किस आधार पर दिए हैं. यदि इसमें किसी ने कोई हेराफेरी की है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए.