बिलासपुर: स्वास्थ्य विभाग घुमारवीं के 36 साल पहले मृत व्यक्ति का कोरोना सैंपल लेने के मामले और उसे आइसोलेट होने की हिदायत देने के मामले में उपायुक्त बिलासपुर रोहित जम्वाल ने जांच बैठा दी है. उपायुक्त ने सीएमओ को मामले की तुरंत जांच करने के आदेश दिए हैं.
संदेह के घेरे में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली
उपायुक्त बिलासपुर रोहित जम्वाल ने स्वास्थ्य विभाग से पूछा है कि कर्मियों से इतनी बड़ी गलती कैसे हुई. इससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आ गई है. घुमारवीं स्वास्थ्य विभाग की इस गलती से कोविड टेस्ट के आंकड़ों पर भी सवाल उठने लगे हैं.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार घुमारवीं स्वास्थ्य विभाग की टीम एक दिसंबर को पडयालग पंचायत के गांव बाड़ी में सैंपल लेने के लिए गई. गांव के लोगों के सैंपल लिए गए. इनमें एक परिवार से मदनलाल, उनकी पत्नी और बेटे के भी सैंपल लिए गए. सैंपल लेने के बाद मदन लाल को फोन पर स्वास्थ्य विभाग ने संदेश भेजा. इसमें मदनलाल के पिता प्रभुराम के सैंपल लेने की बात कही गई. मैसेज देख कर परिवार वाले हैरत में पड़ गए क्योंकि मदनलाल के पिता प्रभुलाल का देहांत हुए 36 साल हो चुके हैं. मदनलाल ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर रोष जताया है.
डीसी ने दो दिन में मांगी रिपोर्ट
उधर, बिलासपुर डीसी रोहित जम्वाल ने सीएमओ बिलासपुर को जांच के आदेश दिए हैं. कहा गया है कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई, इसकी रिपोर्ट दो दिन में सौंपी जाए. इसमें कोई भी अधिकारी या कर्मचारी गलत पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.