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CM ने बिलासपुर में अधिकारियों के साथ की कोविड-19 समीक्षा बैठक, बोले- इस साल कोरोना अधिक घातक

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बिलासपुर में कोविड-19 और सूखे को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन प्रणाली को मजबूत करना समय की मांग है क्योंकि कोविड-19 के सक्रिय मामलों में से लगभग 95 प्रतिशत होम आइसोलेशन में हैं. सीएम ने कहा कि इस संक्रमण के प्रसार की गति बहुत तेज है और यह और भी अधिक घातक है क्योंकि राज्य में पिछले 50 दिनों के दौरान मृतकों की संख्या 970 से 1177 हो गई है.

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

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Published : Apr 19, 2021, 7:23 PM IST

बिलासपुर: हमीरपुर के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कोविड-19 और सूबे जैसी स्थिति की समीक्षा बैठक करने बिलासपुर पहुंचे. मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि अधिकतर चिकित्सक और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ कर रहे हैं लेकिन फिर भी बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन प्रणाली को मजबूत करना समय की मांग है क्योंकि कोविड-19 के सक्रिय मामलों में से लगभग 95 प्रतिशत होम आइसोलेशन में हैं.

व्यापार मंडील से सीएम जयराम की अपील

जयराम ठाकुर ने व्यापार मण्डल के सदस्यों से राज्य सरकार को इस महामारी से लड़ने के लिए अपना पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को कोविड-19 मामलों की अधिकता वाले राज्यों से धार्मिक समारोहों से घर वापस आने वाले स्थानीय लोगों के समूहों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए. पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधि ऐसे राज्यों से वापस आने वाले लोगों की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

कोरोना संक्रमण अधिक घातक: सीएम

सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रसार की गति बहुत तेज है और यह और भी अधिक घातक है क्योंकि राज्य में पिछले 50 दिनों के दौरान मृतकों की संख्या 970 से 1177 हो गई है. आशा कार्यकर्ताओं को अन्य गम्भीर बीमारियों से ग्रसित कोविड-19 मरीजों का रिकाॅर्ड तैयार करना चाहिए ताकि कोविड.19 मरीजों का बेहतर उपचार किया जा सके. जिला बिलासपुर में सूखे जैसी स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने योजनाबद्ध तरीके से जलापूर्ति की आवश्यकता को महसूस किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन क्षेत्रों में हैंडपम्प लगाए जा सकते हैं जहां पानी के भारी संकट का सामना किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जलापूर्ति योजनाओं के विस्तार के अतिरिक्त जल योजनाओं को जोड़ने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को पानी की आपूर्ति का उचित वितरण सुनिश्चित करना चाहिए और पानी के रिसाव की भी जांच करनी चाहिए.

इस मौके पर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेंद्र गर्ग, विधायक हमीरपुर नरेंद्र ठाकुर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा, जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से अपने सम्बन्धित क्षेत्रों से बैठक में जुड़े.

क्या कहते हैं स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी?

स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में कोविड.19 मरीजों की टेस्टिंग और उपचार का कड़ाई से पालन कर रही है. उन्होंने अधिकारियों को कोविड मरीजों के बेहतर उपचार के लिए अस्पतालों मे आवश्यक दवाओंए ऑक्सीजन की सुविधा और अन्य सामग्रियों का पर्याप्त भण्डारण सुनिश्चित करने को कहा. उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे कोविड-19 रोगियों के परिवारजनों के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करें.

उपायुक्त रोहित जम्वाल ने कही ये बातें

उपायुक्त रोहित जम्वाल ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि जिला में 493 सक्रिय मामले हैं और जिले में 28 मौतें हुई हैं. उन्होंने कहा कि कुल सक्रिय मामलों में से जिला में 392 मामलें होम आइसोलेशन में हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक मरीजों को क्षेत्र से सम्बन्धित चिकित्सा अधिकारी से जोड़ा गया है और स्थानीय आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ता होम आइसोलेशन के मरीज की स्वास्थ्य निगरानी के लिए दिन में दो बार रोगी के घर जाते हैं.

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उन्होंने कहा कि पात्र समूहों की लगभग 70 फीसदी आबादी का टीकाकरण किया जा चुका है. जिले में कुल 275 बेड और जिला प्रशासन किसी भी आपदा से निपटने के लिए इसे और विस्तृत करने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा कि जिला में इस वर्ष 1 मार्च से 18 अप्रैल तक 63 प्रतिशत कम बारिश हुई जो चिन्ता का विषय है. उन्होंने कहा कि अगर सूखे जैसी स्थिति बनती है तो इससे लगभग 42 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि जिले में सूखे जैसी स्थिति के कारण 50 प्रतिशत फसल का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि सूखे के कारण जिले में चारे का संकट हो सकता है.

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