बिलासपुर: कोरोना वायरस की वजह से बच्चों के स्कूल बंद हैं और वह ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. शिक्षक मोबाइल और वर्चुअल सिस्टम से बच्चों को होमवर्क दे रहे हैं, लेकिन कहीं ना कहीं इस ऑनलाइन सिस्टम का जमकर दुरुपयोग हो रहा है. बच्चों को परोसी जा रही अश्लीलता से शायद कई अभिभावक अनभिज्ञ हों, लेकिन वर्तमान में यह बड़ी हकीकत है.
असमाजिक तत्वों द्वारा बच्चों के मोबाइल पर फेक लिंक भेजे जा रहे हैं. जिसमें बाहर शिक्षा या ज्ञान से संबंधित कॉन्टेंट लिखा होता है, जबकि लिंक क्लिक करके उसमें दुनिया भर की गंदगी होती है. इसके मद्देनजर मिनिस्ट्री ऑफ वूमन एंड चाइल्ड वेलफेयर ने कड़ा संज्ञान लिया है और देश के सभी राज्यों को बाकायदा इस बावत गाइडलाइन जारी कर सुरक्षा अपनाने के निर्देश दिए हैं.
केंद्र सरकार और एनसीईआरटी द्वारा जारी गाइडलाइंस
- ऑनलाइन पढ़ाई के समय बच्चा अपने अभिभावक के साथ बैठकर पढ़ाई करे.
- अभिभावक तय करेंगे कि कौन सी साइट खोलनी है या कौन सी नहीं.
- अभिभावक अपने मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप का पासवर्ड स्ट्रांग बनाएं और कुछ समय के बाद इसे बदलते रहें.
- प्राइवेसी सेटिंग, वेबसाइट पर कुछ भी कॉन्टेंट डालने से पहले सुनिश्चित करें कि उस पोस्ट का प्रारूप क्या है.
- किसी अनजान व्यक्ति को अपने सिस्टम पर न बैठने दें.
- अकांऊट हैक होने की स्थिति में तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें.
- मान्यता प्राप्त या अधिकृत सॉफ्टवेयर का प्रयोग करें.
- पासवर्ड सबसे गोपनीय दस्तावेज हैं, इसे किसी से भी साझा न करें.
- ऐसी पोस्ट बिल्कुल न डालें जो किसी दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हों.
- अफवाहों को नजरअंदाज करें, बिना पुष्टि के कोई दस्तावेज या बात फॉर्वड करने से परहेज करें.
- सिस्टम को तभी छोड़ें जब यह सुनिश्चित हो जाए कि सिस्टम लॉग आउड हो चुका है.
- गौर रहे कि केंद्र सरकार एवं एनसीईआरटी द्वारा जारी गाइडलाइंस के तहत जागरूकता ही इसका एकमात्र उपाय है.