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बिलासपुर: ट्रामा सेंटर परिसर के साथ बनाया जा रहा शव गृह, विभिन्न संस्था ने किया विरोध

जिला बिलासपुर अस्पताल परिसर में ट्रामा सेंटर परिसर के बिल्कुल साथ नियमों को ताक पर रखकर बनाए जा रहे शवगृह के काम को बंद करने को लेकर जहां बिटिया फाऊंडेशन का धरना प्रदर्शन दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है. वहीं नगर व जिलe की अन्य सामाजिक संस्थाएं भी विरोध स्वरूप खुलकर सामने आ गई हैं.

Bitiya Foundation protest
बिटिया फांउडेशन का धरना.

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Published : Oct 15, 2020, 4:29 PM IST

बिलासपुर: जिला बिलासपुर अस्पताल परिसर में ट्रामा सेंटर परिसर के बिल्कुल साथ नियमों को ताक पर रखकर बनाए जा रहे शवगृह के काम को बंद करने को लेकर जहां बिटिया फाउंडेशन का धरना प्रदर्शन दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है. वहीं नगर व जिला की अन्य सामाजिक संस्थाएं भी विरोध स्वरूप खुलकर सामने आ गई हैं.

बुधवार से बिटिया फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्षा सीमा सांख्यान के नेतृत्व में इसका विरोध शुरू हुआ था और निर्माण स्थल पर ही बिटिया फाऊंडेशन की टीम अनशन पर बैठ गई हैं. सीमा सांख्यान ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि अभी तक यह अनशन सांकेतिक है, लेकिन जिला प्रशासन के उनकी मांग न मानने पर अनशन का स्वरूप और उग्र होगा और इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य प्रशासन की होगी.

प्रदर्शन करते हुए लोग.

वीरवार को जिला एवं स्वास्थ्य प्रशासन मुर्दाबाद के जमकर नारे लगे. वीरवार को भाकपा के राज्य सचिव और अर्धनारेश्वर समाज सेवा समिति के कानूनी सलाहकार परवेश चंदेल ने धरना स्थल पर स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन को खूब खरी खोटी सुनाई. अपने संबोधन में परवेश चंदेल ने कहा कि पैसा कमाने के हजार जरिए हैं, लेकिन मूर्खतापूर्ण कृत्य कर धन अर्जित करने से पीढ़ियों की बदुआ लगेगी और कभी उन्नति नहीं होगी.

वीडियो.

परवेश चंदेल ने कहा कि हैरानी इस बात की भी है कि स्वास्थ्य विभाग ने क्या समझ कर यहां पर मॉर्चरी बनाने की अनुमति प्रदान की. उन्होंने कहा कि टाऊन प्लानर के साथ-साथ अस्पताल प्रशासन की भी जबावदेही तय होनी चाहिए. ट्रॉमा सेंटर के साथ ही शव गृह का निर्माण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इससे संक्रमण होने का अंदेशा और बढ़ जाएगा, जबकि कई बार अज्ञात शव भी समयावधि तक शव गृह में पड़े रहते हैं. बदबू के माहौल में लोग किस तरह इलाज के लिए आएंगे, यह सब इसका निर्माण करने से पहले सोचना चाहिए था.

अस्पताल परिसर के बीचों बीच शव गृह निर्माण करने और आम जनमानस की भावनाओं की अनदेखी को लेकर परवेश चंदेल ने कहा कि इस निर्माण को तुरंत प्रभाव से रोकने के लिए जिला की जनता और अन्य संस्थाओं को उनका साथ देना चाहिए.

वहीं, जिला महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्षा राम प्यारी ठाकुर ने जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपनाए गए मापदंडों को भी सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियों की जवाबतलबी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जनभावना राजनीति से कहीं उपर है. ट्रॉमा सेंटर के बगल में शव गृह का निर्माण होना अपने आप में ही अनुचित बात है.

वहीं, बिटिया फाउंडेशन की अध्यक्षा सीमा सांख्यान ने कहा कि उनका यह प्रदर्शन तब तक चलेगा जब तक जिला प्रशासन लिखित तौर पर कोई आश्वासन नहीं दे देता. अर्धनारेश्वर समाज सेवा समिति की अध्यक्षा बिजली महंत ने कहा कि शर्म की बात है कि पैसे कमाने के लिए लोग किसी भी हद से गुजरने के लिए तैयार हो जाते हैं. उन्हें भविष्य की भी चिंता नहीं होती है. उन्होंने पुराने शव गृह को यथावत रखने या फिर लुहणू में स्थित मोक्ष धाम परिसर में शव गृह का निर्माण करने का सुझाव दिया है. पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सक सरकारी गाड़ी सुविधा से लुहणू आ जा सकते हैं.

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