आईआईटी मंडी में राज्य स्तरीय विज्ञान कांग्रेस मंडी:किसानों को अपने खेतों की रखवाली के लिए अब न तो खेतों में जाने की जरूरत है और न ही खेतों को सिंचने के लिए जाने की. बिलासपुर जिले के बरठीं गांव निवासी स्कूली छात्र आशुतोष ने सेंसर तकनीक वाले एक मॉडल का निर्माण किया है. जिससे किसान घर बैठे की अपने खेतों की रखवाली भी कर सकता है और अन्य कई प्रकार के काम भी. (State Level Science Congress at IIT Mandi)
निजी स्कूल के छात्र आशुतोष ने सेंसर तकनीक पर आधारित एक मॉडल बनाया है जो किसानों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है. आशुतोष द्वारा बनाए गए मॉडल को आईआईटी मंडी में जारी 30वीं राज्य स्तरीय साइंस कांग्रेस में प्रदर्शित किया गया है. यह मॉडल 50 प्रतिशत ऑटोमेटिक है और 90 प्रतिशत सेल्फ इंडिपेंडेंट है. इसमें सात सेंसर इस्तेमाल किए गए हैं जो विभिन्न प्रकार की जानकारियों को किसान तक उसके मोबाइल के माध्यम से पहुंचाएगा. (Ashutosh made a model based on sensor technology)
जानवरों से खेतों को बचाने के लिए लेजर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. जैसे ही कोई जानवर इस लेजर को क्रॉस करेगा तो इसकी जानकारी किसान को उसके फोन पर मिल जाएगी. सेंसर तकनीक में ऐसा सिस्टम भी बनाया गया है कि यदि खेतों में सूखा पड़ रहा है तो वहां लगाई गई सिंचाई योजना से अपने आप की खेतों की सिंचाई का कार्य भी शुरू हो जाएगा. यही नहीं, जमीन की नमी के अलावा तापमान, फसलों के खराब होने का पूर्वानुमान, मृदा की गुणवत्ता, बारिश के साथ ही खेतों में आने वाले जंगली जानवारों के बारे में भी संपूर्ण जानकारी किसान को उसके मोबाइल पर मिलती रहेगी.
इसके साथ ही एक स्वचलित कैमरा सहित रोबोट के माध्यम से घर बैठे ही खेतों की रेकी भी की जा सकती है. छात्र आशुतोष ने बताया कि यह मॉडल प्रदेश के किसानों बागवानों के लिए बेहतर बिजनेस भी बन सकता है. उन्होंने बताया कि इसमें तीन से चार प्रकार के व्यवसायों को एक साथ चलाया जा सकता है. वहीं, अध्यापक अशोक मिश्रा ने बताया कि यह एक प्रकार का अत्याधुनिक स्मार्ट फार्मिंग का मॉडल है जिसे खास तरह के सेंसरों से डिजाइन किया गया है. उन्होंने बताया कि इससे स्मार्ट फार्म मॉनिटरिंग की जा सकती है और इससे प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा दिया जा सकता है.
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