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भाखड़ा विस्थापितों ने DC के माध्यम से CM को भेजा ज्ञापन, बोले- सरकार की पॉलिसी का हमें नहीं मिला लाभ - हिमाचल सरकार

भाखड़ा विस्थापितों की बैठक में विस्थापितों ने कहा कि सरकार ने पिछली सरकार की अतिक्रमण संबंधी बनाई गई पॉलिसी में कथित सुधार करने के लिए जो अधिसूचना जारी की, उसका उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ है.

Bhakra Migrants meeting

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Published : Aug 28, 2019, 6:14 PM IST

बिलासपुर: जिला के बचत भवन में भाखड़ा विस्थापितों की उपायुक्त राजेशवर गोयल की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें विस्थापितों ने जिलाधीश के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा है.

बैठक में सर्वदलीय भाखड़ा विस्थापित समिति के महामंत्री जयकुमार ने कहा कि विस्थापितों ने इस ज्ञापन में 13 शताब्दी पुराने बिलासपुर नगर की उनकी सारी भूमि और संपत्ति भाखड़ा बांध निर्माण के लिए ले लेने की बात कही है. साथ ही उन्हें उजाड़ देने के बाद उनके पुनर्वास के नाम पर केवल एक 1800 वर्ग फुट का प्लॉट देकर सरकार ने अपने जिम्मेदारी खत्म मान ली है.

भाखड़ा विस्थापितों की बैठक

जयकुमार ने कहा कि उन्हें पड़ोसी राज्यों के हितों और देश के विकास के नाम पर उजाड़ा गया था, लेकिन भाखड़ा बांध से लाभ उठाने वाली सरकारों से विस्थापितों के हितों की रक्षा के लिए हिमाचल सरकार द्वारा कोई भी लिखित समझौता नहीं किया गया था. इसी की वजह से विस्थापित पिछले 60 साल से विभिन्न समस्याओं को झेलने को विवश हैं.

जयकुमार ने विस्थापितों की आहत भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने 28 जुलाई, 2018 को पिछली सरकार की अतिक्रमण संबंधी बनाई गई पॉलिसी में कथित सुधार करने के लिए जो अधिसूचना जारी की, उसका विस्थापितों को कोई लाभ नहीं हुआ है. जब तक पॉलिसी की विस्थापित विरोधी सभी शर्तें हटाई नहीं जाती, तब तक किसी भी विस्थापित को कोई भी लाभ होने वाला नहीं है.

विस्थापित समिति की मांग है कि पॉलिसी की सारी शर्तों को हटाया जाए और समिति द्वारा दिए गए सुझावों के अनुरूप न्यायसंगत और तर्कसंगत सुधार करके विवशतावश किए गए सरकारी भूमि के उपयोग वाली भूमि को विस्थापितों के नाम नियमित किया जाए. इसके अलावा नगर का दोबारा से मिनी सेटलमेंट करने और पुराने नगर की भूमि के बदले में नए नगर की कथित अतिक्रमण वाली भूमि को समाहित करने या प्लॉट के 999 साल की लीज पर होने के कारण अतिक्रमण वाली भूमि को आसान लीज पर ही दिए जाने आदि की मांग की गई है ताकि किसी भी सूरत में भाखड़ा विस्थापितों को दोबारा उजड़ने से बचाया जा सके.

महामंत्री जयकुमार ने कहा कि नए नगर में विस्थापितों के पास एक मात्र प्लॉट है जो लीज पर होने के कारण सरकार के नाम पर है या उसकी मालिक सरकार है. इसलिए उन्हें भूमिहीन घोषित करके उनके सारे सरकारी भूमि के अतिक्रमण को सरकारी नियमानुसार भूमिहीन मान कर नियमित किया जाना चाहिए. उन्हें भू-मालिक घोषित करते हुए राजस्व विभाग को प्रमाण पत्र देने के आदेश दिए जाने चाहिए ताकि वे धारा 118 के अधीन अन्यत्र भूमि खरीदने के सुयोग्य हो सकें.

विस्थापित समिति ने स्पष्ट किया कि सरकारी भूमि के सदुपयोग संबंधी मामला न्यायालय के विचाराधीन होने के कारण सब-जूडिस है. इसलिए विस्थापित राजस्व विभाग की अधिसूचना के अनुसार सरकार द्वारा जारी किए गए प्रार्थना पत्र को भर कर देने में असमर्थ हैं. इस प्रक्रिया को न्यायालय का फैसला आने तक स्थगित किया जाना चाहिए.

विस्थापित समिति ने मुख्यमंत्री द्वारा विस्थापितों की समस्याओं का अध्ययन करने के लिए राज्य वित्त आयुक्त के अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने आभार प्रकट करते हुए कहा कि विस्थापितों को आशा बंधी हैं कि निश्चित ही अब उनकी समस्याओं का समाधान होगा. बैठक में विस्थापितों ने काफी संख्या में भाग लिया. उपायुक्त ने विस्थापितों से सहानुभूति प्रकट करते हुए उनकी हर समस्या का समाधान करने में पूरा कोशिश और सहयोग करने का आश्वासन दिया.

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