बिलासपुरःट्रक ऑपरेटर यूनियनबीडीटीएस पिछले छह साल से सिविल सप्लाई सीमेंट बढ़ने का इंतजार कर रही हैं, लेकिन न तो बीडीटीएस मैनेजमेंट इस ओर कोई ध्यान दे रही है और न ही एसीसी प्रबंधन ने इस मसले को गंभीरता से लिया है. इसका खामियाजा बीडीटीएस ऑपरेटर को भुगतना पड़ रहा है.
बिलासपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में बीडीटीएस के पूर्व प्रधान लेखराम वर्मा कहा कि बरमाणा में बीडीटीएस ऑपरेटर के हितों की अनदेखी की जा रही है. उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट कोविड-19 का बहाना लगाकर ऑपरेटर के हितों की अनदेखी कर रही है.उन्होंने कहा कि बीडीटीएस में वर्तमान में ऑनलाइन डिमांड हो रही है, लेकिन ऑनलाइन डिमांड की प्रक्रिया भी अभी तक पूरी तरह सही नहीं है.
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बीडीटीएस ऑपरेटर को किया जा रहा परेशान
बीडीटीएस के पूर्व प्रधान लेखराम वर्मा कहा कि यदि ऑनलाइन डिमांड सुविधा ऑपरेटर को मुहैया करवाई जा रही है, तो इस डिमांड की खामियां उजागर करने के लिए इसमें शिकायत करने का अधिकार भी ऑपरेटर को मिलना चाहिए. केवल मात्र ऑनलाइन डिमांड सुविधा मुहैया करवाने से ही ऑपरेटर की समस्याएं खत्म नहीं हो जाती. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया और ठीक करने की आवश्यकता है, ताकि ऑपरेटर को किसी तरह की समस्या न झेलनी पड़े.
ऑपरेटर के हितों को रखा जाए ध्यान
इसके अलावा अन्य भी समस्याएं हैं जिनका समाधान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि किरतपुर डंप में ना के बराबर डिमांड मिल रही है. लेखराम वर्मा ने आरोप लगाए कि कोरोना की आड़ में अनियमितताएं बरती जा रही हैं. दर्जनों गाड़ियों की पेमेंट नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि नियमानुसार काम नहीं हो रहा है. इस ओर उचित कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि बरमाणा में डिमांड हॉल में बैठने की व्यवस्था भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि 31 मार्च को एक साल और पांच साल का एग्रीमेंट होना है. इसमें ऑपरेटर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय होने चाहिए.
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