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एंबुलेंस कर्मचारियों ने लगाए आरोप, कहा: 6 महीने से सेवाएं देने के बाद भी 'नहीं हुआ कोरोना टेस्ट'

सिविल अस्पताल घुमारवीं परिसर में एंबुलेंस कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर बैठक आयोजन किया. संघ के प्रदेश उपाध्याक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी में दिन रात काम करने वाले कर्मचारियों को आइसोलेशन की सुविधा नहीं दी जा रही हैं और ना ही सही ढंग का ड्यूटी रूम दिया गया है. एंबुलेंस कर्मचारियों ने यह भी बताया कि उनकी कोरोना जांच भी नहीं की जा रही है.

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Published : Sep 4, 2020, 9:30 PM IST

बिलासपुर: कोरोना महामारी के समय में फ्रंट लाइन पर कार्य करने वाले 108 व 102 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारियों का स्वास्थ्य राम भरोसे चला हुआ है. एंबुलेंस कर्मचारी मार्च माह से बिना किसी छुट्टी लिए दिन-रात ड्यूटी पर तैनात हैं. हालांकि जब बात इनके स्वास्थ्य व सुविधा की करें तो प्रशासन व सरकार इनको न तो कोई आइसोलेट होने की सुविधा दे रही है और न ही रात के समय में कोई ड्यूटी रूम दिय गया है. कर्मचारियों के अब तक कोरोना टेस्ट नहीं हुए हैं.

इन सभी मांगों पर चर्चा करने के लिए घुमारवीं में 108 एव 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ की बैठक सिविल अस्पताल परिसर में आयोजित हुई. जिसमें 102 व 108 कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान आने वाली समस्याओं एवं लंबित पड़ी मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई. इस अवसर पर बैठक की अध्यक्षता एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन उपाध्यक्ष विष्णु राम शर्मा ने की.

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इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष विष्णु शर्मा ने कहा कि कोविड 19 जैसी वैश्विक महामारी जैसी कठिन परिस्थितियों में दिन रात काम करने वाले कर्मचारियों को आइसोलेशन की सुविधा नहीं दी जा रही हैं और ना ही सही ढंग का ड्यूटी रूम की सुविधा दी जा रही है.

जो ड्यूटी रूम उपलब्ध करवाए गए हैं, वह सही हालत में नहीं हैं, बल्कि शौचालय की सुविधा भी नहीं है. जबकि 102 व 108 कर्मचारी कोविड 19 के दौरान पिछले छह माह से लगातार सेवाएं दे रहे हैं. इन कर्मचारियों ने पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री एवं एनएचआरएम निदेशक से जिसमें 102 व 108 कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की है.

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