बिलासपुर: जिला के बरमाणा क्षेत्र में सीमेंट कंपनी द्वारा लॉकडाउन के दौरान खादान क्षेत्र में सैकड़ों पेड़ों की कटाई पर आदर्श वेल्फेयर सोसाइटी धौनकोठी ने आपत्ति जताई है. कमेटी ने मामले की शिकायत बिलासपुर उपायुक्त से की है.
शनिवार को सोसाइटी के प्रधान रमेश ठाकुर व महासचिव संजीव कुमार ने डीसी बिलासपुर को शिकायत पत्र सौंपा. इस शिकायत पत्र में कहा गया है कि पेड़ों की कटाई वाला क्षेत्र खादान क्षेत्र के सेफ्टी जोन के पास है. इस क्षेत्र में रिहाशी बस्तियां हैं और यहां पर इन पेड़ों को काटने की कोई आवश्यकता नहीं थी. शिकायत पत्र में कहा गया है कि कंपनी के इस कृत्य से पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है और काटे गए पेड़ों में लगभग 530 पेड़ चीड़ के थे. कंपनी द्वारा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय व ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई हैं.
वेलफेयर सोसाइटी धौनकोठी के सदस्यों का कहना है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के अनुसार केवल सूखे और टॉप ब्रोकन पेड़ ही काटे जा सकते हैं, लेकिन यहां पर हरे-पेड़ों को काटा गया है. इसकी इजाजत वन विभाग नहीं दे सकता. उन्होंने आशंका जाहिर की है कि इस मामले में बहुत बड़ा घोटाला किया गया है. कमेटी का कहना है कि वन विभाग द्वारा तैयार मौके की फेरिस्त में पेड़ों के माप व प्रजाति मौके पर काटे गए पेड़ों से बिल्कुल अगल है. उन्होंने कहा है कि मौके पर काटे गए पेड़ों के जो अवशेष बचे हैं उनको देखने से सच्चाई का पता खुद ही चल जाएगा.
शिकायत पत्र के अनुसार पेड़ों के कटान के समय न तो इसकी वीडियोग्राफी करवाई गई और न ही एक पेड़ की जगह पर अभी तक तीन पेड़ लगाए गए हैं. सोसाइटी के प्रधान रमेश ठाकुर ने कहा कि ये मामला पर्यावरण से जुड़ा है और काफी गंभीर है. लिहाजा इसकी उच्च स्त्तरीय जांच करवाई जाए और इस मामले में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि मौके से हरे पेड़ काट दिए गए और वन विभाग द्वारा काटे गए पेड़ों में इन पेड़ों को झाड़ियां व छोटे पेड़ दर्शाया गया है, जोकि एक बहुत बड़े घोटाले की तरफ इशारा कर रहा है.
सोसाइटी ने जिला प्रशासन से इस मामले की उच्च स्त्तरीय जांच की मांग उठाई है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में लीपापोती की गई तो क्षेत्र के लोगों के साथ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर विवश होना पड़ेगा और इसकी सारी जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी. सोसायटी प्रधान ने कहा कि इस मामले को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.