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बाजार में बढ़ी मीट की डिमांड, स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग रख रहा क्वालिटी का खास ख्याल

कोरोना काल के बाद बाजार में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोग खाने पीने का खास ध्यान रख रहे हैं. इसी के साथ बाजार में मीट की खपत भी बढ़ गई है. ऐसे बाजार में बिकने वाले मीट की गुणवत्ता कितनी सही है. क्या प्राशासन की ओर से बाजार में बिकने वाले मीट सही से जांच की जा रही है.

special story on meat sales and quality checks in Bilaspur market
बाजार में बढ़ी मीट की डिमांड

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Published : Dec 13, 2020, 4:01 PM IST

बिलासपुर: कोरोना वायरस के दस्तक देते ही बाजार में बिकने वाली खाने से जुड़ी चीजों की गुणवत्ता को लेकर लोग और ज्यादा ध्यान देने लगे हैं. कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर लोगों की इम्यूनिटी पर पड़ रहा है, ऐसे में लोग ने अपने खाने पीने की चीजों में सुधार करना शुरू कर दिया है और खरीददारी करते समय भी काफी सजग हो गए हैं.

वहीं, अब कोरोना से बचाव के लिए डॉक्टरों की ओर से लोगों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी का बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है, हेल्दी डाइट और प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन करने की हिदायत दी जा रही है. ऐसे में से बाजारों में मीट की मांग बढ़ रही है.

अब सवाल उठता है कि बाजारों में बिकने वाले मांस की गुणवत्ता कितनी सही है. आपको जो मीट परोसा जा रहा है, क्या उसकी जांच की गई है या नहीं. अगर जिला बिलासपुर की बात करें तो यहां के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि शहर के मीट विक्रेताओं पर पशु पालन और खाद्य आपूर्ति विभाग नजर बनाए हुए. सभी मीट विक्रेता स्वास्थ्य मानकों का पालन कर रहे हैं.

वीडियो.

बिकने वाले मटन की जांच प्रक्रिया

बिलासपुर स्थित मल्टीपरपस वेटनरी हास्पिटल इंचार्ज और पशुपालन विभाग के परियोजना अधिकारी ने बताया कि बाजार में बिकने वाले मटन की बेचे जाने से पहले जांच की जाती है. सबसे पहले दुकानदार बकरे को खरीददकर पशुपालन विभाग में लाता है. जिसके बाद यहां पर विशेषज्ञ उस बकरे का स्वास्थ्य जांच करते है और उसके बाद उसका पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी तैयार करते है. उसके बाद विभाग द्वारा मीट पर मुहर लगाई जाती है. तब वह अंतिम रूप देकर मार्किट में लोगों को बेचा जाता है.

पशुपालन विभाग बाजार में बिकने वाले मीट का पूरा स्वास्थ्य जांच करता है. अगर कोई बकरे के स्वास्थ्य ठीक नहीं है या फिर वह अधिकर कमजोर है, तो विभाग उसे रिजेक्ट कर देता है. जिसके बाद उसे दुकानदार बेच नहीं सकते है.

फूड एंड सेफटी विंग भी करता है जांच

वहीं, पशु पालन विभाग की ओर से मीट पर मुहर भी लगाई जाती है. जिसके बाद वह दुकानों में बेचा जाता है. अगर किसी विक्रेता की द्वारा बेचे जा रहे मीट पर मुहर नहीं लगी होगी, तो वह स्वास्थ्य मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग का फूड एंड सेफटी विंग इसका निरीक्षण करता है. विभाग की टीम दुकानों में जाकर मांस पर लगने वाली मुहर देखती हैं. अगर बिना मुहर से कोई मीट बेचता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाती है.

स्वास्थ्यों मानकों का हो रहा पालन

विभागीय जानकारी के अनुसार फिलहाल अभी तक बिलासपुर मीट मार्किट में ऐसा कोई मामला नहीं सामने आया है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संदिग्धता के आधार पर सैंपल लिया हो, वह स्वास्थ्य मानकों पर सही नहीं उतरा हो.

स्लाटर हाउस में नहीं कट रहे बकरे

पशु पालन से मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर में बनाए गए स्लाॅटर हाउस में बकरे नहीं काटे जा रहे है. दुकानदार अपनी दुकानों में बकरों को काट रहे हैं. ऐसे में विभाग ने आदेश जारी किए हैं कि स्लाॅटर हाउस का प्रयोग किया जाए, ताकि बकरों को नियमानुसार यहां पर काटकर विभाग की मुहर के बाद मार्किट में उतारा जाए.

कुल मिलाकर बिलासपुर शहर में मीट विक्रेता सवास्थ्य मानकों का पालन कर रहे हैं, अभी तक उल्लघंन का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. इसका मतलब है कि खाद्य आपूर्ति विभाग और स्वास्थ्य विभाग लगातार औचक निरीक्षण दुकानों का कर रहे हैं, ताकि लोगों सही गुणवत्ता वाली चीजें बाजार में उपलब्ध हो सकें.

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