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टैक्सी ड्राइवर हत्या मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही, स्वारघाट थाने के 15 कर्मी लाइन हाजिर

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Published : Sep 19, 2020, 7:24 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 7:45 PM IST

कंदरौर में टैक्सी ड्राइवर की हत्या मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. सूचना होने के बावजूद थाना स्वारघाट की ओर से बरती गई लापरवाही के चलते एसपी दिवाकर शर्मा ने कार्यकारी इंचार्ज समेत 15 पुलिस कर्मचारियों को लाइन हाजिर किया है.

Taxi Driver Murder Case
Taxi Driver Murder Case

बिलासपुर: जिले के कंदरौर में टैक्सी ड्राइवर की हत्या मामले पर सूचना देने के बावजूद थाना स्वारघाट की ओर से बरती गई लापरवाही के चलते एसपी दिवाकर शर्मा ने कार्यकारी इंचार्ज समेत 15 पुलिस कर्मचारियों को लाइन हाजिर किया है.

इसके साथ ही कोताही बरतने पर आगामी कार्रवाई के लिए जांच बिठा दी गई है. जिसका जिम्मा नैना देवी के डीएसपी संजय शर्मा को सौंपा गया है. संजय शर्मा अगले सात दिन के अंदर जांच कर पूरी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को प्रेषित करेंगे.

पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के तहत 15 सिंतबर को सुबह के समय तीन बजकर पच्चीस मिनट पर कंदरौर में चालक की हत्या करने के बाद चारों आरोपी टैक्सी लेकर स्वारघाट के रास्ते नालागढ़ की ओर निकल गए, जिसकी सीसीटीवी कैमरा द्वारा पुष्टि हुई है.

हैरान करने वाला पहलू यह है कि जब स्वारघाट थाना और जिले के अन्य सभी थानों को इस घटना के बारे में बिलासपुर कंट्रोल रूम द्वारा सूचित कर दिया था और कार पकड़ने के लिए कहा था. ऐसे में स्वारघाट थाना की ओर से कोताही बरती गई, जिसकी वजह से हत्या करने के बाद कार लेकर आरोपी हिमाचल से फरार होने में कामयाब हो गए.

एसपी दिवाकर शर्मा.

पुलिस की ओर से बताया गया है कि इस कार को पकड़ने की सूचना रात 1 बजकर 15 मिनट पर ही स्वारघाट थाना को दे दी गई थी और उसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम बिलासपुर द्वारा दूसरी बार फिर सभी थानों को इस बारे सूचना रात्रि 2:40 बजे को दी गई थी.

फिर भी लापरवाही बरती गई जिसके चलते पुलिस टीम को आरोपियों की धरपकड़ के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी और हरियाणा पुलिस की मदद से पानीपत के पास इन्हें पकड़ने में कामयाबी मिल पाई. इस कोताही के लिए पुलिस अधीक्षक बिलासपुर दिवाकर शर्मा ने थाना स्वारघाट के कार्यकारी इंचार्ज और एमएचसी मुंशी समेत 15 पुलिस मुलाजिमों को लाइन हाजिर कर दिया है.

ये सभी 14 व 15 सितंबर की मध्यरात्रि डयूटी पर तैनात थे. पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच बिठा दी है जिसका जिम्मा नैना देवी के डीएसपी को सौंपा गया है. इसके साथ ही नए स्टाफ की तैनाती के लिए भी आदेश जारी कर दिए गए हैं. डीएसपी हफ्ते के अंदर रिपोर्ट तैयार कर सौंपेंगे.

पुलिस अधीक्षक ने डीएसपी को अपनी जांच रिपार्ट में एसएचओ स्वारघाट पर भी टिपण्णी देने को कहा गया है कि क्या उन्होंने थाना कर्मचारियों को ऐसे मौकों पर की जाने वाली कार्यवाही के लिए कभी उनकी ब्रीफिंग नहीं की. स्वारघाट थाना के प्रभारी इस दौरान सात दिन की अवधि के लिए अवकाश पर थे इसलिए उन्हें फिलहाल तब्दील नहीं किया गया है.

क्या कहते हैं बिलासपुर पुलिस के कप्तान ?

बिलासपुर एसपी दिवाकर शर्मा ने बताया कि 15 सितंबर की मध्य रात्रि पुलिस कंट्रोल रूम की ओर से समय पर सूचना देने के बावजूद स्वारघाट पुलिस थाना की ओर से मर्डर के आरोपियों को पकड़ने के लिए बरती गई लापरवाही पर लाईन हाजिर किया गया है.

इसके साथ ही नए स्टाफ की तैनाती के आदेश जारी कर दिए गए हैं. मामले की जांच कराई जाएगी जिसका जिम्मा नयनादेवी के डीएसपी को सौंपा गया है.

पूछताछ में पुलिस के हाथ लगे कई अहम सुराग

हत्या के चारों आरोपियों को शनिवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 21 सितंबर तक तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. रिमांड की अवधि बढ़ने पर अब पुलिस आरोपियों से पूछताछ के दौरान और सुराग निकालेगी.

उधर, लॉकअप में पूछताछ के दौरान कई अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिसके तहत साहिल नामक आरोपी के पिता मतियाना में किसी परिवार के पास ट्रक ड्राईवर का काम करते हैं. इस परिवार की एक महिला चिंतपुर्णी से संबंधित हैं और चिंतपुर्णी में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था, जिसमें भाग लेने के लिए सभी चारों आरोपी भी जा रहे थे.

इसलिए उन्होंने शिमला से टैक्सी किराए पर ली. पूछताछ में पता चला है कि चारों आरोपियों की चिंतपुर्णी जाकर चोरी करने की योजना थी, लेकिन इससे पहले उन्होंने कंदरौर के पास टैक्सी चालक पर तेजधार हथियारों से हमला किया और टैक्सी लेकर फरार हो गए.

Last Updated : Sep 19, 2020, 7:45 PM IST

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