ऊना: जिला समेत प्रदेश भर के कई स्थानों पर रिहायशी भवनों में हो रहा पानी का रिसाव लोगों के लिए परेशानियों का सबब बनता जा रहा है. हालत यह है कि रिहायशी भवनों से हो रहे पानी के रिसाव के कारण अभी तक कई लोगों का काफी नुकसान भी हुआ है. हालांकि इसे कई लोग दैवीय प्रकोप बताकर अलग-अलग प्रकार की धारणा बनाते जा रहे हैं.
दूसरी तरफ भू-जल वैज्ञानिकों का मानना है कि आजकल बनाए जा रहे भवनों में क्रॉस वेंटिलेशन का ना होना इस प्रकार की घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने कहा कि आज के (WATER COMING OUT FROM HOUSES) दौर में हर रिहायशी भवन की दोनों तरफ की दीवार डेड वॉल बना दी जाती है, इतना ही नहीं लोग धूल-मिट्टी से अपने घरों को बचाने के लिए खिड़कियों को भी हर वक्त बंद रखते हैं. इसी के चलते घरों के अंदर हवा कैद होकर रह जाती है.
हिमाचल में घरों से पानी निकलने का कारण वहीं, पिछले कुछ दिनों से मौसम में बड़ा बदलाव आया है, जिसके चलते हवा तो गर्म हो गई है लेकिन घरों के अंदर दीवार और फर्श अभी भी ठंडे हैं. घरों का मॉइस्चर गर्म हवा के चलते कंडेंस हो रहा है और उसी के चलते दीवारों और फर्श से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है.
वरिष्ठ भू-जल वैज्ञानिक भवनेश शर्मा (Geo-Hydrologist Bhavnesh Sharma) का कहना है कि अपने घरों में क्रॉस वेंटिलेशन को जारी रखें. यदि क्रॉस वेंटिलेशन के लिए ज्यादा जगह नहीं है तो एग्जास्ट फैन का इस्तेमाल करते हुए भी आप अंदर की हवा को बदल सकते हैं. आने वाले दिनों में जैसे-जैसे तापमान में वृद्धि होगी यह समस्या अपने आप खत्म होती जाएगी.
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