जो पुरानी पेंशन देगा वही प्रदेश में राज करेगा: न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी संघ
वीरवार को मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता में जानकारी (Demand for restoration of old pension in Himachal) देते हुए न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी संघ के जिला मंडी के अध्यक्ष लेखराज ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी बीते 5 वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली की मांग प्रदेश सरकार से कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही है. इसके विरोध में हर जिला मुख्यालय पर पेंशन के लिए संकल्प लेने के लिए रैलियों का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने नारा दिया है कि जो सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करेगी वही देश व प्रदेश में राज करेगी.
हिमाचल वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Satti Satpal Satti allegations on Una sadar mla satpal singh raizada) ने गुरुवार को ऊना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतपाल सिंह रायजादा पर जमकर निशाना साधा. सतपाल सत्ती ने क्षेत्र के एक गांव में कई सालों से चल रही लड़ाई के मामले में सतपाल रायजादा पर आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि सतपाल रायजादा झूठ और लूट की राजनीति कर रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Jal Shakti Minister Mahender Singh Thakur) भी वीरवार को कसोल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी राहत कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान ग्रामीणों ने भी एक मांग पत्र (Mahender Singh Thakur reached Kasol) भी जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह को सौंपा और कहा कि यहां पर बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है. उस पर भी प्रदेश सरकार विचार कर ग्रामीणों को राहत प्रदान करें.
UNA: बाथू में दीवार गिरने से तीन मजदूर दबे, दो की हालत गंभीर, PGI किए गए रैफर
ऊना जिले के उपमंडल हरोली के बाथू में स्थित एक क्रैशर में निर्माणाधीन दीवार गिरने (Wall collapsed in Bathu of Una) से वहां काम कर रहे तीन मजदूर मलबे के नीचे दबने से घायल हो (laborers buried after Wall collapsed in UNA) गए. क्रैशर पर काम कर रहे अन्य लोगों की मदद से मलबे के नीचे दबे तीनों मजदूरों को बाहर निकाला गया और उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना लाया गया. जहां से दो मजदूरों को गंभीर हालत के चलते पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर..
आज कैप्टन विक्रम बत्रा की पुण्यतिथि (Vikram Batra Death anniversary) है. कैप्टन विक्रम बत्रा ने करगिल के युद्ध में देश के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया था. युद्ध के बाद कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी को नमन करते हुए उनको सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था. करगिल की उस जंग को 22 बरस हो चुके हैं, लेकिन इस जंग की दस्तान उसके नायकों के बिना अधूरी है. वो 24 साल में सर्वोच्च बलिदान दे गए. करगिल जंग के सबसे बड़े नायकों में थे कैप्टन विक्रम बत्रा, जिनका कोड नेम पाकिस्तानियों के लिए खौफ का दूसरा नाम था. ऐसे जांबाज की ये कहानी आपमें जोश भर देगी.