ऊना: नैनो टेक्नोलॉजी की दुनिया में नई क्रांति लाने के लिए ग्रास रूट लेवल पर काम शुरू कर दिया गया है. विश्वभर में भारत आईटी क्षेत्र में नंबर एक पर पहुंच चूका है. लेकिन भारत को अभी भी नैनो उपकरणों के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता है. लिहाजा अब ट्रांजिस्टर, सेंसर जैसे नैनो उपकरणों का देश में निर्माण करने के लिए तमाम आईटी एक्सपर्ट और आईटी क्षेत्र के जानकारों को एक मंच पर लाकर इस निर्माण को भारत में सुनिश्चित करने की कवायद शुरू की गई है.
नैनो टेक्नोलॉजी पर फोकस करेगा ट्रिपल आईटी संस्थान, आयात की बजाय स्थानीय स्तर पर उत्पादन की होगी मुहिम - नैनो टेक्नोलॉजी पर फोकस करेगा ट्रिपल आईटी
ऊना जिला के सलोह स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर में शुक्रवार को नैनो टेक्नोलॉजी पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया (Workshop organized on Nanotechnology in IIIT Una) गया. इस मौके पर पंजाब के रोपड़ से आईआईटी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राजीव आहूजा ने बतौर मुख्य अतिथि शिक्षक की. जबकि यूएसए के जॉर्जिया से आईटी के एक्सपर्ट डॉ. पॉल जे जोसेफ मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे. ट्रिपल आईटी में आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य देश में नैनो तकनीक को बढ़ावा देना था. ट्रिपल आईटी सलोह के छात्र छात्राओं के साथ-साथ तमाम शिक्षकों ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया. पढ़ें पूरी खबर...
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इसी उद्देश्य से शुक्रवार को जिला के सलोह में स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में विशेष कार्यशाला (Workshop organized on Nanotechnology in IIIT Una) का आयोजन किया गया. इस मौके पर रोपड़ के आईआईटी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राजीव आहूजा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. जबकि जॉर्जिया के बेहतरीन आईटी संस्थान के प्रिंसिपल रिसर्च साइंटिस्ट डॉ. पॉल जे जोसेफ ने मुख्य स्रोत व्यक्ति के रूप में शिरकत की. इस कार्यशाला के बारे जानकारी देते हुए आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रोफेसर राजीव आहूजा ने कहा कि देश में नैनो उपकरणों का उत्पादन नहीं होने के चलते इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में विश्व में नंबर एक पायदान के बावजूद भारत को विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता है.
भारत के आईटी क्षेत्र का उद्देश्य यह है कि विदेशों से आयात होने वाले ट्रांजिस्टर, आईसी, सेंसर और चिप आदि का निर्माण यहां पर सुनिश्चित किया जाए. इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए बेहद आवश्यक है कि आने वाले समय के इंजिनियर्स को इस तकनीक के विषय में बताया जाए और उन्हें आईटी सेक्टर में इन उपकरणों के निर्माण की जानकारी देकर उतारा जाए ताकि आने वाले समय में भारत में ही इन तमाम चीजों का निर्माण सुनिश्चित किया जा सके. प्रोफेसर राजीव आहूजा ने कहा कि आईटी क्षेत्र के तमाम उत्पादन में भी भारत नंबर वन है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी विदेशियों पर निर्भरता इस काम को प्रभावित कर सकती है.
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