ऊना: जल शक्ति विभाग (Jal shakti department Himachal) में बतौर जल रक्षक सेवाएं दे रहे कर्मचारियों ने विभाग के तहत नियमित कर्मचारी के रूप में अपने आप को स्थापित करवाने की मांग को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है. सोमवार को जिला भर के जल रक्षकों (Jal rakshak in UNA) ने जिला अध्यक्ष इकबाल सिंह की अध्यक्षता में उपायुक्त राघव शर्मा से मुलाकात करते हुए उन्हें ज्ञापन पत्र सौंपा. इस मौके पर इकबाल सिंह ने कहा कि जिला भर में करीब साढ़े चार सौ जल रक्षक है जो जल शक्ति विभाग के माध्यम से लोगों को पेयजल आपूर्ति कर रहे हैं.
नियमितीकरण की मांग को लेकर जल रक्षकों ने भरी हुंकार, कहा: मांग नहीं मानी तो बंद होगा काम - Jal shakti department Himachal
जल शक्ति विभाग में बतौर जल रक्षक सेवाएं दे रहे कर्मियों ने मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर दी है. करीब 4500 प्रतिमाह वेतन पर 10 सालों से सेवाएं दे रहे जल रक्षकों ने नियमितीकरण की मांग की है और वहीं उन्होंने उन्हें पूरी तरह जल शक्ति विभाग के कर्मचारी घोषित करने को लेकर भी आवाज उठाई है. इसी कड़ी में सोमवार को अपनी मांगों को लेकर जल रक्षकों (Jal rakshak in UNA) ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. पढ़ें पूरी खबर...
उन्होंने कहा कि अधिकांश जल रक्षकों से 8 घंटे काम लिया जा रहा है, जबकि नियमों के मुताबिक वह केवल 4 घंटे विभाग में सेवाएं प्रदान कर सकते हैं. जल शक्ति विभाग में पंप ऑपरेटरों के दर्जनों पद रिक्त चल रहे हैं और इन परिस्थिति में जल रक्षकों से घंटों तक काम लिया जा रहा है. वहीं उन्हें इस काम के बदले महज 4,500 रूपये मासिक वेतन दिया जा रहा है. कई-कई घंटे काम किए जाने के चलते वह अपने परिवार को पालने के लिए कहीं और मेहनत मजदूरी भी नहीं कर पाते. जिसके चलते उन्हें अपने और परिवार के भविष्य पर तलवार लटकती नजर आती है.
उन्होंने कहा कि सरकार बिना देर किए सभी जल रक्षकों को जल शक्ति विभाग (Demands of Jal rakshak in Himachal) के तहत नियमित करने की व्यवस्था करे. इकबाल सिंह ने कहा कि सरकार को दिए अल्टीमेटम के अनुसार यदि 27 जुलाई तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है, तो उन्हें मजबूरन सामूहिक रूप से काम बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार, प्रशासन और जल शक्ति विभाग की होगी.